पार्टी कार्यालय के अंदर ही करना पड़ा आज़म खान को प्रदर्शन 144 के चलते नही मिली इज़ाज़त

 समाजवादी पार्टी की ओर से प्रदेश स्तर पर एक धरने प्रदर्शन का कार्यक्रम था उसी को लेकर रामपुर में सपा सांसद आजम खान ने भी धरना प्रदर्शन की प्रशासन से अनुमति मांगी लेकिन प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने के बाद आजम खान ने अपने कार्यालय में ही अपने सभी जनपद के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को जमा किया और सीएए और एनआरसी का विरोध प्रदर्शन किया और अपने दफ्तर की छत पर जाकर विरोध प्रदर्शन के नारे लगाए


वही आजम खान ने कहा पार्टी का प्रोग्राम था और यह पहली बार लोकतांत्रिक इतिहास में हुआ है के पार्टी के प्रोग्राम को परमिशन नहीं दी जाए इसकी खबर टीवी पर डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस से मिली के पूरी यूपी में धारा 144 लगा दी गई है किसी को कार्यक्रम की कोई इजाजत नहीं धारा 144 लगाने का यह मतलब नहीं होता है के राजनीतिक कार्यक्रम को रोका जाए कोई भी पार्टी जब कोई कार्यक्रम देती है चाहे राष्ट्रीय स्तर पर हो या राज्य स्तर पर हो तो फिर दल और निशान नहीं देखा जाता है क्यों हम समझते हैं इस वक्त सरकार को बहुत दुश्वारी है लाइन ऑर्डर मेंटेन करने की शांतिपूर्ण ढंग से जो होने वाला था उसे भी इसलिए रोका गया क्योंकि अदालतों में गोलियां चल रही है लोग मारे जा रहे हैं सड़कों पर बहन बेटियों की इज्जत महफूज़ नहीं है उनकी इज्जत लूटी जा रही हैं फिर उन को जलाकर मारा जा रहा है ऐसे लोगों की सराहना हो रही है मुल्क बहुत सवालिया निशान से जूझ रहा है मेघालेय से लेकर कश्मीर तक किसी से भी देश के हालात छुपे हुए नहीं है दरअसल सारी लड़ाई है संविधान को बचाने के लिए क्योंकि आजादी इंसान का बुनियादी और पैदाइशी हक है आज जो पूरा देश बेचैन है इसलिए है कि संविधान कि जो मूल भावना है वह लिबर्टी ऑफ मैन है
आजम खान ने कहा इस लड़ाई में किसी एक धर्म या जाति के लोग नहीं है 2 दिन से बराबर टीवी पर देखने को मिल रहा है के जामिया के स्टूडेंट के दोनों हाथ टूटे हुए हैं अपने आप हाथ से खा पी नहीं सकता एक हिंदू परिवार के यहां रह रहा है और वही अपने हाथों से उसे खिला रहा है यह टर्निंग पॉइंट है इंडियन डेमोक्रेसी के लिए लोग समझ गए हैं कि जो कुछ हो रहा है राजनीतिक चक्कर है लोगों का ध्यान  बुनियादी मुद्दों से हटाने के लिए यह सब कुछ हो रहा है अरे मैंने कहा हमने हमेशा अपने धरने प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किए हैं इतनी लंबी राजनीति करने की हमारी यही वजह है जो लोग हम से टकराव चाहते हैं जिन्होंने 1 साल में बहुत कोशिश की रपट मुकद्दमे लिखाने की हमें उकसाने की हमारे लोगों को बरगलाने की अभी जो कुछ लोग जमा हुए थे स्टार चौराहे पर उनके साथ जो अमल हुआ वह बहुत सही नहीं हुआ क्योंकि उसमें कुछ लोगों का तरीका गलत था जिसे लोगों ने नापसंद किया वही ना पसंदीदा लोग दुश्मनी पर उतरे हैं


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