नयी दिल्ली, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि यह नोटबन्दी से बड़ा झटका होगा जिससे बहुत ज्यादा नुकसान होगा।
पार्टी के 135वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम से अलग गांधी ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ' ये (एनआरसी और एनपीआर) नोटबन्दी नंबर 2 है। इससे हिंदुस्तान के गरीबों को बहुत नुकसान होने जा रहा है। नोटबन्दी तो भूल जाइये, ये उससे दोगुना झटका होगा। इसमें हर गरीब आदमी से पूछा जाएगा कि वह हिंदुस्तान का नागरिक है या नहीं। लेकिन उनके जो 15 दोस्त हैं उनको कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। "
उन्होंने आरोप लगाया कि एनआरसी और एनपीआर की प्रक्रिया से भी सरकार के कुछ 'पूंजीपति मित्रों ' को फायदा होगा। गांधी ने देश में निरोध केंद्र नहीं होने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर भी उन पर निशाना साधा।
कांग्रेस नेता ने उस वीडियो का हवाला दिया जो कुछ दिन पहले उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किया था।
उन्होंने कहा, 'क्या आप लोगों ने प्रधानमंत्री का भाषण सुना है। क्या आपने डिटेंशन सेंटर का वीडियो देखा है। अब तय कर लीजिए कि झूठ कौन बोल रहा है?' इससे पहले गांधी ने बृहस्पतिवार को भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि 'आरएसएस के प्रधानमंत्री' भारत माता से झूठ बोलते हैं।
असम में निरोध केंद्र से जुड़ी एक खबर साझा करते हुए गांधी ने ट्वीट किया था, 'आरएसएस का प्रधानमंत्री भारत माता से झूठ बोलता है ।' दरअसल, पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली में कहा था कि देश में निरोध केंद्र को लेकर फैलाई जा रही अफवाहें सरासर झूठ हैं। कांग्रेस नेता ने जो खबर साझा की थी उसके मुताबिक असम में निरोध केंद्र मौजूद है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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