नोएडा, : उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस के कड़े बंदोबस्त के बीच जुमे की नमाज शांतिपूर्वक संपन्न हुई। शहर में स्थिति सामान्य रही।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को यहां की 60 से अधिक छोटी बड़ी मस्जिदों में भारी संख्या में नमाजी पहुंचे।
पिछले सप्ताह राज्य में कई स्थानों पर जुमे की नमाज के बाद संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई व्यापक हिंसा हुई थी। इसी के मद्देनजर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे।
एसपी सिटी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि जुमे की नमाज की वजह से पुलिस कार्यालय में तैनात कर्मचारियों को भी मस्जिदों पर तैनात कर दिया गया था।
जिलाधिकारी बी एन सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) वैभव कृष्ण ने भी जनपद की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। दोनों अधिकारी कई मस्जिदों व संवेदनशील स्थानों पर पहुंचे और लोगों से बातचीत करके शांति व्यवस्था कायम रखने में सहयोग की अपील की। दोपहर में दोनों अधिकारी सेक्टर-8 स्थित जामा मस्जिद भी पहुंचे और वहां पुलिस बल के साथ पेट्रोलिंग की।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सेक्टर-8 स्थित जमा मस्जिद में 12 हजार से अधिक लोग नमाज के लिए पहुंचे। इसके कारण यहां सबसे अधिक सुरक्षा व्यवस्था थी। यहां क्षेत्राधिकारी प्रथम श्वेताभ पांडेय के नेतृत्व में सवा सौ से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे।
नोएडा पुलिस ने आम लोगों से अफवाहों से दूर रहने और गुमराह न होने की अपील की थी। वहीं सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी पुलिस की नजर है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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