नयी दिल्ली, : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति तीन सदस्यीय कॉलेजियम द्वारा करने के लिये दायर जनहित याचिका पर चार सप्ताह बाद सुनवाई की जायेगी।
जनहित याचिका में कहा गया है कि कॉलेजियम में प्रधानमंत्री, लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश शामिल होंगे।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय के कथन का संज्ञान लिया और कहा कि इस पर शीघ्र सुनवाई की आवश्यकता है।
पीठ ने कहा, ''हम इसे चार सप्ताह बाद सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करेंगे।''
भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने इस जनहित याचिका में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यालय और चुनाव आयुक्तों के लिये अधिक स्वायत्ता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।
याचिका में निर्वाचन आयोग के लिये एक स्वतंत्र सचिवालय बनाने और आयोग को अपने नियम तैयार करने का अधिकार देने का भी अनुरोध किया गया है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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