सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

नवंबर 2019 की महत्वपूर्ण घटनाओं का ब्यौरा

नयी दिल्ली, : वर्ष 2019 के नवंबर माह में देश भर में घटी महत्त्वपूर्ण घटनाओं का ब्योरा इस प्रकार है :

दो नवंबर : नयी दिल्ली : दिल्ली के तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प में कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए।

आठ नवंबर : नयी दिल्ली : सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली और उन्हें सीआरपीएफ द्वारा जेड प्लस सुरक्षा दिए जाने का ऐलान किया।

नौ नवंबर : नयी दिल्ली : वर्षों पुराने विवाद का समाधान करते हुए उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या मामले में ऐतिहासिक फैसला दिया और विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने का निर्णय दिया। साथ ही शहर में पांच एकड़ जमीन मस्जिद बनाने के लिए देने का भी आदेश दिया।

10 नवंबर : आदर्श आचार संहिता लागू करने और 1990 के दशक में उग्र चुनाव सुधार करने वाले पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी एन शेषन का 86 की उम्र में निधन।

13 नवंबर : दो हफ्तों तक चले आंदोलनों के बाद जेएनयू ने बढ़ा हुआ छात्रावास शुल्क बीपीएल छात्रों के लिए आंशिक रूप से वापस लेने का फैसला किया।

16 नवंबर : बालासोर : भारत ने ओडिशा तट के डॉ अब्दुल कलाम द्वीप से सतह से सतह तक मार करने वाली मध्यम दूरी की परमाणु सक्षम मिसाइल 'अग्नि दो” का पहला सफल रात्रि परीक्षण किया।

21 नवंबर : नयी दिल्ली : विवादों में घिरी रहने वाली भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा मामलों की संसदीय समिति में नियुक्त किया गया।

26 नवंबर : मुंबई/ नयी दिल्ली : देवेंद्र फडणवीस ने शक्ति परीक्षण से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया।

28 नवंबर : नयी दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने छह पी8आई टोही विमानों की खरीद को स्वीकृति दी।

29 नवंबर : नयी दिल्ली : दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि बहुत तेजी से गिर कर 4.5 प्रतिशत पर आ गई।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...