अमरोहा। नौगांवा सादात तहसील में समाधान दिवस का आयोजन जिलाधिकारी उमेश कुमार मिश्र व पुलिस कप्तान विपिन ताडा की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें जिला स्तरीय सभी अधिकारी मौजूद रहे। तहसील समाधान दिवस में कुल 22 शिकायतें दर्ज की गई। जिसमें राजस्व की छः, विकास की तीन, जल निगम की दो, पुलिस की छः, नगर पंचायत की तीन, पशु चिकित्सा संबंधी एक, विद्युत विभाग संबंधित एक शिकायतें दर्ज हुई। जिनमें से मौके पर सिर्फ दो का ही निस्तारण हो सका। शेष बची शिकायतें विभागों को सौंप दी गई। तहसील के अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्री ऑफिस के लिए जिलाधिकारी से मांग की कि तहसील बने हुए करीब तीन वर्ष हो चुके हैं। अभी तक यहां रजिस्ट्री ऑफिस नहीं आया जिसके लिए नौगांवा सादात की जनता को रजिस्ट्री ऑफिस के कार्य से अमरोहा और धनोरा तहसील जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस तरह से आधी अधूरी तहसील होने से जनता व वकीलों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहाहै। अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी से जल्द से जल्द रजिस्ट्री ऑफिस खुलवाने की मांग की। जिलाधिकारी श्री मिश्र ने रजिस्ट्री ऑफिस के लिए जगह चिन्हित कर जल्द से जल्द रजिस्ट्री ऑफिस खुलवाने का आश्वासन दिया। नगर पंचायत की सभासद सिकंदर फातमा वार्ड ने जिलाधिकारी से शिकायत की कि उनके वार्ड में बीते एक वर्ष से कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है। सड़के पुरानी जर्जर कच्ची पक्की हैं। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी व नगर पंचायत अध्यक्ष अनदेखी कर रही हैं। उन्होंने अपने वार्ड में टेंडर निकलवा कर विकास कार्य कराने की मांग करते हुए अधिशासी अधिकारी पर भेदभाव से कार्य करने का आरोप लगाया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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