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नगाड़ा पीटने वाली सरकार में न्याय के लिए भटकने पर मजबूर सेना के जवान:विजय कुमार पाण्डेय


लखनऊ :  सेना कोर्ट लखनऊ में करीब पांच महीने से कोई जज नहीं है जिसके कारण सेना के जवान न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है सेना कोर्ट के अधिवक्ता और सेना के जवान लगातार इसकी मांग कर रहे थे, आज एएफटी बार एसोसिएशन के महामंत्री पीकेशुक्ला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमन्त्री को संबोधित एक ज्ञापन सौपा, जिसे अपर जिलाधिकारी ने लिया,  जिसमें मांग की गई है कि बीस दिन के अन्दर बेंच की नियुक्ति की जाए क्योंकि इससे सेना के जवानो में भारी हतासा और निराशा है, पीके शुक्ला ने कहा कि एएफटी बार इस मुद्दे पर लखनऊ की सभी बारों और अधिवक्ताओं से लिखित समर्थन के लिए अभियान चलाएगी उसके बाद हम 21 जनवरी को प्रदर्शन के लिए सड़क पर उतरेंगें l


        बार के प्रवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि सरकार सेना को न्याय से वंचित करने जैसा कार्य कर रही है, केवल वादे बड़े-बड़े किए जा रहे है जबकि धरातल पर कुछ नहीं है, जबकि इसके लिए जनहित याचिका तक बार ने दायर की, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य प्रस्तुत करके नियुकित के मामले को टाल दिया, न्याय व्यवस्था केवल नगाड़ा पीटने से नहीं चलने वाली है उसके लिए न्याय के प्रति आदर और सम्मान की भावना होनी चाहिए जो वर्तमान केंद्र सरकार में नहीं दिखाई पड़ रही है, यदि होता तो आज करीब पांच महीने से हमारी सेना के जवान न्याय के लिए भटकने पर मजबूर न होते l प्रतिनिधि मंडल में गिरीश तिवारी, बार के संरक्षक मनोज अवस्थी, बार की युवा विंग के अध्यक्ष अमित सचान, धीरेन्द्र कुमार अग्निहोत्री और धर्मराज सिंह इत्यादि लोग शामिल थेl    


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