लखनऊ, : बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि नए नागरिकता कानून में मुस्लिम समाज की पूरी तरह उपेक्षा की गयी है और केन्द्र सरकार को इसे वापस लेना चाहिए।
उन्होंने यहां जारी एक बयान में कहा, 'नागरिकता संशोधन विधेयक के पास हो जाने के बाद से ही देशभर में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसा प्राय: तभी होता है जब सरकार अपने स्वार्थ में, देश के संविधान को भी ताक पर रखकर किसी खास समुदाय और धर्म के लोगों की उपेक्षा करती है। नए नागरिकता कानून में मुस्लिम समाज की पूरे तरह उपेक्षा की गई है जिससे हमारी पार्टी बिलकुल सहमत नहीं है।''
मायावती ने मांग की कि कि केन्द्र सरकार को इस कानून को देश के हित में वापस लेना चाहिए।
बसपा प्रमुख ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ जो ज्यादती हुई, उसका बदला भाजपा नीत वर्तमान केन्द्र सरकार भारत के मुसलमानों से लेना चाहती है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जामिया और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पुलिसिया कार्रवाई निन्दनीय है जिसका हर ओर विरोध हो रहा है।
मायावती ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय भारतीय संविधान की गरिमा को किसी भी कीमत पर नहीं गिरने देगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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