दुमका (झारखंड), नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर हिंसा को तूल देने का कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि विपक्ष की हरकतों से यह साबित हो गया है कि इस विधेयक को पारित करना ''हजार प्रतिशत सही'' था और आगजनी में शामिल लोगों की पहचान उनके कपड़ों से की जाए।
मोदी ने यहां एक चुनावी रैली में कहा, ''कांग्रेस और उसके सहयोगी दल नागरिकता कानून को लेकर आग भड़का रहे हैं लेकिन पूर्वोत्तर के लोगों ने हिंसा को खारिज कर दिया है।''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''देश देख रहा है ; विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के बाद मोदी में लोगों की आस्था और मजबूत हुई है। उनकी (विपक्ष की) हरकतों से प्रदर्शित होता है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक को संसद में पारित करने का फैसला 1,000 प्रतिशत सही था।''
दरअसल, इस कानून के खिलाफ पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन हो रहे हैं, जहां कई रेलवे स्टेशनों, ट्रेनों और बसों को भीड़ ने पिछले दो दिनों में आग के हवाले कर दिया।
मोदी ने किसी पार्टी या समुदाय का जिक्र किए बगैर कहा, ''जो लोग आगजनी (संपत्ति में) कर रहे हैं उन्हें टीवी पर देखा जा सकता है...उनकी पहचान उनके द्वारा पहने गए कपड़ों से की जा सकती है।''
कांग्रेस द्वारा विदेशों में किए गए प्रदर्शनों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, ''पहली बार कांग्रेस ने वह किया है जो पाकिस्तानी लंबे समय से करते आ रहे हैं। ''
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ