मथुरा,: उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में सोमवार शाम पीलीभीत-भरतपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मथुरा-राया के बीच टैंकर व टैम्पो-रिक्शा के बीच हुई आमने-सामने की टक्कर में रिक्शा में बैठी नौ सवारियों में से चालक सहित छह लोगों की मौत हो गई तथा तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसा इतना भीषण था कि सामने से टकराने के बाद टैम्पो-रिक्शा तारकोल टैंकर के बम्पर में फंसकर करीब एक फर्लांग तक घिसटता चला गया। चालक व दो सवारियों की तो मौके पर ही मौत हो गई जबकि, महिला व दो अन्य लोगों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
एसपी (देहात) आदित्य कुमार शुक्ला ने बताया, "प्रत्यक्षदर्शियों व घायलों के मुताबिक टैम्पो-रिक्शा चालक ने बिना साइड मिले आगे चल रहे वाहन को ओवरटेक करने का प्रयास किया। लेकिन वह सामने से आ रहे टैंकर का खतरा न भांप सका और सीधे उसमें जा फंसा।" राया थाना प्रभारी चतर सिंह राजौरा ने बताया, "भाड़े पर थ्री व्हीलर चलाने वाला माना सिंह मीणा (50) राया कस्बे से नौ सवारियों को लेकर चला था। मथुरा रोड पर जैसे ही वह मल्है गांव के पेट्रोल पंप पर पहुंचा। सीधे टैंकर से टकरा गया। इस हादसे में आधा दर्जन लोग मारे गए और तीन लोग घायल हो गए। जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।" महावन क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक विजय शंकर मिश्र ने बताया, "मृतकों में से तीन की पहचान कर ली गई है जिनमें चालक के अलावा भरतपुर निवासी शेर सिंह (42) व दिल्ली का विजय सिंह पुत्र राजकुमार निवासी सौंख अड्डा, मथुरा व श्याम पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी साकेत, नई दिल्ली शामिल हैं। शेष तीनों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।"
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ