उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को आज यहां राजभवन में वल्र्ड बुक आॅफ रिकाॅर्ड्स लंदन के प्रतिनिधि डाॅक्टर योगेश मोहन गुप्ता ने, 'पढ़े लखनऊ-बढ़े लखनऊ' कार्यक्रम के तहत 1 अक्टूबर, 2019 को एक साथ 2278 विद्यालयों के 9 लाख 59 हजार 27 विद्यार्थियों द्वारा पुस्तक पढ़ने का रिकाॅर्ड स्थापित करने पर, वल्र्ड बुक आॅफ रिकाॅर्ड्स का प्रमाण पत्र भेंट किया। इस अवसर पर श्री गुप्ता ने लखनऊ के जिलाधिकारी श्री अभिषेक प्रकाश तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एस0पी0 सिंह को वल्र्ड बुक आॅफ रिकाॅर्ड्स की प्रति भेंट की। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल महोदया की पहल पर ही एक साथ पुस्तक पढ़ने के इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
राज्यपाल ने 'पढ़े लखनऊ-बढ़े लखनऊ' अभियान के अन्तर्गत विशेष योगदान देने वाले अधिकारियों, शिक्षकों, संस्थाओं एवं विद्यार्थियों को 'विशेष सहयोग प्रमाण पत्र' प्रदान कर सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में प्रमुख रूप से मुख्य विकास अधिकारी श्री मनीष बंसल, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा0 आलोक कुमार श्रीवास्तव, कार्यक्रम के को-आर्डिनेटर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो0 अनिल मिश्रा, जिला विद्यालय निरीक्षक डा0 मुकेश कुमार सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री अमर कान्त सिंह तथा जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) श्री विश्वजीत पाण्डेय शामिल हैं।
इसके अलावा राज्यपाल ने कालेजों एवं स्कूलों के प्राचार्यों एवं प्रधानाचार्यों के साथ-साथ बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले एवं विशेष योगदान देने वाले बच्चों को भी 'विशेष सहयोग प्रमाण पत्र' देकर सम्मानित किया।
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है और यहां की आबादी लगभग 23 करोड़ है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि लखनऊ के लोगों ने एक साथ पुस्तक पढ़कर विश्व रिकार्ड स्थापित किया है। इसका श्रेय उन सभी को जाता है जिन्होंने इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और इस रिकार्ड के सहभागी बने। अब यह प्रयास होना चाहिए कि प्रदेश के 10 करोड़ लोग एक साथ पुस्तक पढ़कर ऐसा विश्व रिकार्ड बनाये, जिसे तोड़ना किसी के लिए सम्भव न हो सके। उन्होंने कहा यह तभी सम्भव है जब हम टीम वर्क के साथ कार्य करें, क्योंकि टीम वर्क के बिना सफलता प्राप्त नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी जाये।
उन्होंने कहा कि माता-पिता एवं अभिभावकों को शुरू से ही अपने छोटे बच्चों में पढ़ने की आदत डालने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे केवल पुस्तकें पढे़ं ही नहीं, बल्कि उसे याद भी रखें कि उससे क्या प्रेरणा मिली। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे पढ़ाई के साथ-साथ टी0वी0 चैनलों पर आने वालेे ज्ञानवर्द्धक कार्यक्रमों को भी निश्चित रूप से देखें, क्योंकि इससे उनके ज्ञान में वृद्धि ही होगी। उन्होंने कहा कि पुस्तकों के अध्ययन से हमें जो ज्ञान प्राप्त होता है, वह स्थायी होता है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री हेमन्त राव ने इस अभियान को सफल बनाने में सक्रिय एवं विशेष योगदान देने के लिए लखनऊ के पूर्व जिलाधिकारी श्री कौशल राज शर्मा एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति श्री एस0पी0 सिंह की प्रशंसा की।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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