जयपुर, : राजस्थान में कांग्रेस सरकार के एक साल के कार्यकाल पर संतोष जताते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार जनता की आशाओं एवं अपेक्षाओं पर खरा उतरने में कामयाब रही है।
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने पिछले साल 17 दिसंबर को शपथ ग्रहण की थी।
गहलोत ने संवाददाताओं से बातचीत में,' प्रदेश के लोगों ने एक बार पुन: विश्वास करके कांग्रेस की सरकार बनाई और सरकार ने एक साल पूरा कर लिया है । मुझे इस बात का संतोष है कि जो आशाएं व अपेक्षाएं जनता ने हमसे की थी उसके अनुरूप खरा उतरने पर हम लोग कामयाब रहे।'
उन्होंने आगे कहा, ' उसका प्रमाण यह है कि चाहे विधानसभा उपचुनाव हो या नगरपालिका और नगर निगमों के चुनाव हों, उन सबमें कांग्रेस कामयाब रही है। जनता ने हमारे प्रयासों पर, हमारी नीति पर, हमारी नीयत पर मुहर लगाई है और उसके लिए मैं उनका आभारी हूं।'
गहलोत ने कहा कि आगे भी सरकार जनभावनाओं के अनुरूप काम करेगी।
उन्होंने कहा, 'मैं विश्वास दिलाता हूं कि आगे भी चार साल में हमलोग अपने चुनावी घोषणा पत्र को मंत्रिमंडल में मंजूर कर सरकार की कार्ययोजना के रूप में स्वीकार किया है, उसके अनुरूप ही हमलोग शासन देना चाहते हैं।'
मुख्यमंत्री ने कहा,' शासन हमारा चले जनता से किए गए वादों के आधार पर। मुझे कहते हुए गर्व है कि कांग्रेस सरकार ने यह परंपरा शुरू की थी कि चुनाव जीतो तो जनता से किए गए वादों को निभाओ।'
गहलोत ने कहा,' हमने अपने चुनावी घोषणा पत्र में 503 घोषणाएं की थीं इतने वादे हमने किए थे उनमें से 119 पूरे कर लिए हैं यानी 24 प्रतिशत। वहीं 42 प्रतिशत यानी 213 पर काम चल रहा है। इस प्रकार से हमने जो वादे किए थे उसको निभाना चाहते हैं।
गहलोत ने कहा कि कई कारणों से कुछ वादे पूरे नहीं हो पाते और वक्त आने पर इसकी जानकारी भी जनता को दी जाएगी।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों का संवदेशनशील पारदर्शी एवं जवाबदेही प्रशासन देने पर जोर रहा है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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