गुवाहाटी, : संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ सोमवार को गुवाहाटी में एक रैली के दौरान अखिल असम छात्र संगठन (आसू) के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य और महासचिव लुरिंज्योति गोगोई को 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस हिरासत में लिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि आसू के तीन दिवसीय 'सत्याग्रह' की शुरुआत सुबह हुई और उपायुक्त कार्यालय की तरफ मार्च करने से पहले लतासिल मैदान में नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया।
भट्टचार्य ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, '' हमें जानकारी मिली है कि हमें गिरफ्तार किया जा सकता है लेकिन मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हमारी मांग है कि संशोधित नागरिकता कानून वापस लें या हमें गिरफ्तार करें।''
उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अनुशासित रहने की अपील की।
अधिकारियों ने बताया कि जब प्रदर्शनकारी दीघालीपुखुरी क्षेत्र के निकट पहुंच गए तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, '' आसू नेताओं ने अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ खुद गिरफ्तारी दी लेकिन उन्हें अब छोड़ दिया गया है।''
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और उन्हें दीघालीपुखुरी के एक मैदान में रखा गया था।
इस रैली में छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों, शिक्षकों, वकीलों, डॉक्टरों, साहित्यकारों, गायकों, संगीतकारों और कलाकारों ने हिस्सा लिया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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