धर्मशाला, : हिमाचल प्रदेश का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2017-18 में 31 प्रतिशत बढ़कर 3,870 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। राज्य विधानसभा में शनिवार को रखी गई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
राज्य का राजकोषीय घाटा 2016- 17 में 2,948 करोड़ रुपये रहा था।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यहां तपोवन में राज्य विधानसभा के शीत सत्र के आखिरी दिन रिपोर्ट पेश की।
हिमाचल प्रदेश के 2017- 18 के वित्तीय लेखे जोखे की यह आडिट रिपोर्ट नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने संविधान के अनुच्छेद 151 के तहत तैयार की है।
राज्य के वार्षिक लेखे की विश्लेषणात्मक समीक्षा रिपोर्ट में कैग ने कहा है कि राज्य का राजकोषीय घाटा 2016- 17 के 2,948 करोड़ रुपये से 922 करोड़ रुपये बढ़कर 2017- 18 में 3,870 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
इसी प्रकार राज्य का 2015- 16 और 2016- 17 में जो क्रमश: 990 करोड़ रुपये और 411 करोड़ रुपये का प्राथमिक अधिशेष था वह वर्ष 2017- 18 में परिवर्तित होकर 82 करोड़ रुपये के प्राथमिक घाटे में पहुंच गया।
इस दौरान राज्य की राजस्व प्राप्ति 2017- 18 में चार प्रतिशत बढ़कर 27,367 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी। इससे पिछले वर्ष यह 26,264 करोड़ रुपये पर थी। इसमें से केवल 35 प्रतिशत राजस्व प्राप्ति राज्य के अपने संसाधनों जैसे करों और गैर- कर राजस्व से जुटाई गई जबकि शेष 65 प्रतिशत राशि केन्द्रीय करों और शुल्कों में राज्य के हिस्से के तौर पर केन्द्रीय हस्तांतरण के जरिये प्राप्त हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य का लेखा जोखा वित्तीय सुधार के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। हालांकि राज्य सरकार ने 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक अभी तक एफआरबीएम कानून को संशोधित नहीं किया है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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