उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज यहां लखनऊ विश्वविद्यालय में स्वर्गीय हेमवती नन्दन बहुगुणा जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित युवा महोत्सव के समापन अवसर पर कहा कि स्वर्गीय हेमवती नन्दन बहुगुणा का व्यक्तित्व व कृतित्व हम सभी के लिये एक आदर्श है। उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति में हिस्सा लेना प्रारम्भ कर दिया था। सन् 1942 के 'भारत छोड़ो आन्दोलन' में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में छात्रों का नेतृत्व किया, जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश में मंत्री, वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय मंत्री के रूप में उल्लेखनीय कार्य किये। स्वर्गीय हेमवती नन्दन बहुगुणा अपने प्रशासनिक एवं संगठनात्मक क्षमता के लिये सदैव याद किये जाते रहेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि भारत प्रतिभाओं का देश है और यह अच्छा संकेत है कि 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम के आयु वालों की है। हमारे युवाओं में बहुत प्रतिभा है, लेकिन इस युवा शक्ति का सही उपयोग कैसे किया जाए, इस पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं की ऊर्जा तथा उनकी क्षमता को सही दिशा देकर राष्ट्र के विकास में लगाना आवश्यक है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारी युवा आबादी में जोश है, साहस है, विशिष्ट करने की क्षमता भी है। जरूरत है कि इस जोश, साहस और विशिष्ट क्षमता को देश हित में प्रयोग करने की। इस कार्य हेतु हमारे युवाओं को सही दिशा, जानकारी, तथा उचित अवसर प्रदान किया जाए तो वे विश्व पटल पर भारत का नाम ऊंचा कर देश की महान विरासत को आगे ले जायेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि जब हम युवा वर्ग की बात करते हैं तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इसमें लगभग 50 प्रतिशत भागीदारी महिलाओं की भी है। हमें विकसित भारत के निर्माण के लिये महिलाओं को भी हर स्तर पर समान अवसर उपलब्ध कराना होगा। हमें यह समझना होगा कि यदि एक पढ़ी-लिखी महिला अपने ज्ञान और कौशल से एक परिवार को व्यवस्थित कर सकती है तो यदि उसे राष्ट्र के विकास के संदर्भ में समान अवसर उपलब्ध कराए जाएं तो निश्चय ही परिणाम अत्यन्त सुखद होंगे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने हेमवती नन्दन बहुगुणा के जीवन चरित्र पर लिखित पुस्तक का विमोचन भी किया।
युवा महोत्सव को उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री विजय बहुगुणा, सांसद प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी, सांसद रवि किशन, महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एस0के0 शुक्ला, ने भी सम्बोधित किया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ