रांची, : झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने रविवार को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। सोरेन 2013 के बाद दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं।
यहां मोरहाबादी मैदान में दोपहर सवा दो बजे आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम एवं राष्ट्रीय जनता दल के एक मात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
इस प्रकार चुनाव-पूर्व गठबंधन में शामिल तीनों दलों के प्रतिनिधियों ने शपथ ग्रहण किया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज शाम ही मंत्रिपरिषद की पहली बैठक बैठक बुलायी है।
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सभी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।
सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुयीं। समारोह में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा और अतुल अंजान तथा द्रमुक नेता एम के स्टालिन भी शामिल हुए।
समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल नहीं हुए।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा उत्तर प्रदेश की ही पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी शामिल नहीं हुयीं।
झारखंड में पिछले दिलों हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले विपक्षी झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 81 सीटों में से 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था।
उसने सत्ताधारी भाजपा को पराजित किया जिसे सिर्फ 25 सीटें मिलीं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ