गुवाहाटी, : संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में सप्ताह भर से चले रहे प्रदर्शनों के बीच गुवाहाटी में सुबह छह बजे से रात नौ बजे तक कर्फ्यू में ढील देने से शहर में हालात कुछ हद तक सामान्य हुए हैं। असम पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजीव सैकिया ने यह जानकारी दी।
हालांकि सैकिया ने पीटीआई-भाषा को बताया कि गुवाहाटी में रात का कर्फ्यू लागू रहेगा।
असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) जी पी सिंह ने रविवार को ट्वीट किया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के मद्देनजर कर्फ्यू से राहत देने के समय को बढ़ाया गया है।
सिंह ने ट्वीट किया, “स्थिति में काफी सुधार आया है, गुवाहाटी में दिन में कर्फ्यू को 16 दिसंबर सुबह छह बजे से हटा लिया गया है। रात का कर्फ्यू रात नौ बजे से अगले दिन सुबह छह बजे तक लागू रहेगा।”
वहीं डिब्रूगढ़ जिले में, कर्फ्यू में सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक की ढील दी गई है।
जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, प्रशासन की अनुमति के बिना डिब्रूगढ़ में आयोजित किसी भी प्रदर्शन बैठक को दोपहर तीन बजे से पहले खत्म करना जरूरी होगा।
साथ ही अधिकारी ने कहा कि यह कदम, “अंधेरा होने के बाद शरारती तत्वों के आम लोगों के साथ मिल जाने को रोकने” के लिए उठाया गया है।
पुलिस रविवार से ही लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को कर्फ्यू से राहत और उसके पुन: लागू होने के बारे में सूचना दे रही है।
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हजारों लोगों के सड़कों पर उतर जाने के बाद से असम पिछले कई दिनों से गुस्से की आग में जल रहा है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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