गोरखपुर,: जिला जेल के अधिकारियों ने शनिवार को यहां एक रेडियो स्टेशन शुरू किया। यह राज्य में इस तरह का 25वां स्टेशन है। जेल अधीक्षक राम धनी ने बताया कि रेडियो स्टेशन का संचालन जेल में रहने वाले कैदी स्वयं करेंगे।
उन्होंने ने कहा कि यह रेडियो स्टेशन जेल के अंतःवासियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देगा। जेल परिसर में खुशनुमा और शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि कारागार वास्तविक अर्थों में सुधार गृह की तरह बने।
जिला कारागारों में रेडियो स्टेशनों के राज्य संयोजक एवं कारागार सुधारकर्ता प्रदीप रघुनंदन ने बताया कि ऐसा पहला रेडियो स्टेशन मैनपुरी जेल में शुरू किया गया था और यह अच्छा चला। सरकार ने राज्य की सभी जिला जिलों के लिए इसे मंजूरी दी है।
रघुनंदन ने बताया कि राज्य में इस तरह का यह 25वां रेडियो स्टेशन है। इस स्टेशन से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम केवल जेल के अंतः वासी सुन सकेंगे । उन्होंने कहा कि शनिवार के कार्यक्रम का संचालन उन्होंने स्वयं किया था कल से जेल के अंतः वासी ही इसका संचालन करेंगे। अंतः वासियों के एक दल को इस उद्देश्य से प्रशिक्षित किया गया है।
हमारे समूह में अभी कोई महिला अंतः वासी नहीं है लेकिन हम दो तीन महिला अंतःवासियों से बातचीत कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि वे हमारे समूह का हिस्सा बनेगी।
रेडियो कार्यक्रमों के बारे में रघुनंदन ने बताया कि कार्यक्रम एक घंटे का दोपहर 3:00 से 4:00 बजे के बीच होगा। तीन कार्यक्रम होंगे। पहला कार्यक्रम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचारों का होगा इसमें जेल के समाचार भी दिखाई जाएंगे। दूसरा कार्यक्रम 10 गीतों का होगा जो अंतः वासियों के अनुरोध पर बजाए जाएंगे। तीसरा कार्यक्रम अंतःवासियों को उनकी प्रतिभा दिखाने का होगा ।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ