नयी दिल्ली, : उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किए जाने से संबंधित मामले में बुधवार को सवाल किया कि जम्मू कश्मीर संविधान सभा के पुनर्गठन के लिए सक्षम प्राधिकार कौन हो सकता है।
अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किए जाने के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत ने यह बिन्दु भी उठाया कि यदि निर्णय लोगों पर है तो क्या यह जनमत संग्रह, सहमति या विमर्श का मामला होगा।
याचिकाकर्ताओं ने संविधान के प्रावधान का हवाला दिया और कहा कि लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करने वाली संविधान सभा को ही जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे में किसी बदलाव के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश करने का अधिकार है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ