अनुच्छेद 370, नागरिकता विधेयक पर विपक्ष को भरोसे में नहीं लिया गया : गहलोत

मुंबई, : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अनुच्छेद 370 हटाने और नागरिकता (संशोधन) विधेयक जैसे अहम मुद्दों पर विपक्ष को भरोसे में न लेने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की।

'पीटीआई-भाषा' को दिए एक साक्षात्कार में कांग्रेस नेता ने देश में आर्थिक ''मंदी'' पर भी चिंता जताई और कहा कि भाजपा नीत राजग सरकार का देश को चलाने के प्रति रवैया ''अच्छा नहीं'' है।

गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में लोगों की राय और विपक्ष मायने रखता है और सरकार के खिलाफ असंतोष को राजद्रोह के मुकदमे दायर कर या लोगों को राष्ट्र-विरोधी बताकर दबाया नहीं जा सकता।

उन्होंने मोदी सरकार पर सुशासन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय ''ध्रुवीकरण की राजनीति'' करने और आयकर के छापों की धमकी देकर विपक्षी दलों को दिया जाने वाला चंदा रोकने का आरोप लगाया।

गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि चुनावी बॉन्ड राजग सरकार का ''सबसे बड़ा घोटाला'' है।

एक साल पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले गहलोत ने कहा, ''अनुच्छेद 370 हटाने या नागरिकता (संशोधन) विधेयक के लिए विपक्ष को भरोसे में नहीं लिया गया। विपक्ष को इसमें शामिल किया जाना था। कम से कम विपक्ष अपने विचार को रख सकता था।''

पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मुहैया कराने वाले विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक को सोमवार आधी रात को लोकसभा में पारित कर दिया गया।

वहीं, केंद्र सरकार ने अगस्त में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था।

गहलोत ने कहा कि भाजपा की पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गठबंधन सरकार थी लेकिन (अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद) जम्मू कश्मीर में पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं को ''हिरासत'' में ले लिया गया।


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