नयी दिल्ली , : मदर डेयरी के बाद देश की अग्रणी दूध आपूर्तिकर्ता अमूल ने भी शनिवार को गुजरात , दिल्ली - एनसीआर , पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में दूध के दाम दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाने का फैसला किया है।
अमूल ब्रांड नाम से डेयरी उत्पाद बेचने वाले गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) ने जारी बयान में कहा , " उसने गुजरात के अहमदाबाद तथा सौराष्ट्र , दिल्ली - एनसीआर , पश्चिम बंगाल , मुंबई एवं महाराष्ट्र में दूध के दाम में दो रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि का फैसला किया है। नई दरें 15 दिसंबर 2019 से प्रभावी होंगी। "
अहमदाबाद में , आधा लीटर वाली अमूल गोल्ड की थैली की कीमत 28 रुपये और अमूल ताजा की थैली 22 रुपये में मिलेगी।
हालांकि , अमूल शक्ति के दाम में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके आधा लीटर थैली 25 रुपये में ही मिलेगी।
अमूल ने कहा कि पिछले तीन साल में उसने थैली वाले दूध के दाम में केवल दो बार बदलाव किए हैं।
बयान में कहा गया है , " इस साल पशु चारे के दाम में 35 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है। चारे की कीमत बढ़ने और अन्य लागत को ध्यान में रखकर यह कदम उठाया गया है। "
जीसीएमएमएफ ने कहा , दूध के उत्पादन को बढ़ाने तथा कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी के कारण दूध उत्पादकों को लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराने के लिए दूध के दाम में दो रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि की गई है।
इससे पहले , मदर डेयरी ने दिल्ली - एनसीआर में दूध की कीमतें तीन रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाने की शनिवार को घोषणा की। कंपनी ने कहा कि बढ़ी दरें रविवार से प्रभावी होंगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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