अमरावती,: अज्ञात अपराधियों ने शुक्रवार को विभिन्न तेलुगू टीवी न्यूज चैनलों के पत्रकारों के साथ मारपीट की। इन पत्रकारों में एक महिला मीडियाकर्मी भी हैं।
पुलिस ने बताया कि पत्रकारों पर हमला उस स्थान पर किया गया जहां किसान राज्य की राजधानी स्थानांतरित किए जाने के किसी कदम के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
अपराधियों ने पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया जिससे एक सब-इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल घायल हो गए। पुलिस के अनुसार घटना के संबंध में एक मामला दर्ज कर लिया गया है और दोषियों की तलाश की जारी है।
यह घटना उद्दंडारायुनिपलेम गांव में हुई जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2015 में आंध्र प्रदेश की राजधानी के विकास की नींव रखी थी।
पुलिस ने कहा कि बदमाशों ने महिला पत्रकार पर उस समय हमला किया जब उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कन्ना लक्ष्मीनारायण का साक्षात्कार लेने की कोशिश की। उन लोगों ने भाजपा नेता के साक्षात्कार पर आपत्ति जताई।
पुलिस के अनुसार अन्य टेलीविजन चैनलों के रिपोर्टर उनके बचाव में आए लेकिन उन्हें भी बुरी तरह पीटा गया। इस घटना में दो पत्रकारों को चोटें आई हैं।
पुलिस घायल पत्रकारों को उपचार के लिए सचिवालय डिस्पेंसरी ले गई।
गुंटूर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विनीत बृजलाल ने एक बयान में कहा कि इस घटना को गंभीरता से लिया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य की राजधानी को स्थानांतरित करने के कदम का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के भेष में अपराधियों ने टीवी पत्रकारों पर हमला किया और महिला पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार किया। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया।
इससे पहले दिन में, अज्ञात व्यक्तियों ने टुल्लुरु में एसआरएम विश्वविद्यालय अमरावती के छात्रों को ले जा रही एक बस पर पत्थर फेंके।
पुलिस ने कहा कि बस के शीशे टूट गए लेकिन किसी को चोट नहीं आई।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि इन घटनाओं के संबंध में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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