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अलीगढ़ में हालात सुधार की ओर : 26 लोग रिहा

अलीगढ़ (उप्र),: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में रविवार रात हुए बवाल और आसपास के इलाकों में बनी तनाव की स्थिति में मंगलवार सुबह कुछ सुधार नजर आया।

एएमयू के अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय को पांच जनवरी तक बंद किए जाने के बाद छात्रावास खाली करने की कवायद सोमवार पूरी रात जारी रही और करीब 11500 में से लगभग 9500 छात्र छात्रावास छोड़कर अपने घर रवाना हो गए हैं।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक अलीगढ़ में हालात तेजी से सामान्‍य हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि एएमयू हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए 26 लोगों को सोमवार देर रात निजी मुचलके पर रिहा किया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने 'भाषा' को बताया कि रिहा किए गए इन 26 लोगों में से सिर्फ आठ ही एएमयू के छात्र हैं। बाकी बाहरी लोग हैं।

एएमयू के प्रॉक्‍टर अफ़ीफ़उल्‍ला ने बताया कि विश्‍वविद्यालय परिसर और आसपास के इलाकों में व्‍याप्‍त तनाव के मद्देनजर हमने जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह से गिरफ्तार छात्रों को रिहा करने की गुजारिश की थी, जिसे उन्‍होंने स्‍वीकार कर लिया।

रविवार को एएमयू परिसर से शुरू हुआ बवाल सोमवार को शहर के अति संवेदनशील अपर कोर्ट समेत कई इलाकों में फैल गया था। कल रात करीब 5000 लोगों की भीड़ कोतवाली के बाहर पहुंच गई और गिरफ्तार किए गए एएमयू छात्रों की रिहाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने नागरिकता संशोधन कानून को भी खत्म करने की मांग दोहरायी। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में बुर्का नसीम महिलाएं शामिल थीं।

हालांकि आधी रात के वक्त शहर मुफ्ती खालिद हमीद के प्रदर्शनकारियों की मांगों को प्रशासन के सामने रखने के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया था।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में जारी प्रदर्शनों के बीच एएमयू में भी रविवार देर रात बड़ी संख्या में छात्र और पुलिसकर्मी आमने-सामने आ गए थे। छात्र पुलिस संघर्ष में 20 पुलिसकर्मियों और विश्‍वविद्यालय सुरक्षाकर्मियों समेत 70 लोग घायल हो गये थे। घायलों में अलीगढ़ के पुलिस उपमहानिरीक्षक परमिंदर सिंह और पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिषेक भी शामिल हैं।

एएमयू प्रशासन ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि अराजक तत्वों की वजह से रविवार रात परिसर का माहौल खराब हुआ था।

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवाई ने कहा था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ एएमयू में पिछले कई दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा था, मगर रविवार को जामिया में पुलिस और छात्रों के बीच संघर्ष के बाद हालात खराब होना शुरू हुए। कुछ अराजक तत्वों ने प्रदर्शनकारियों को भड़काना शुरू किया, जिसके बाद हालात बिगड़ते चले गये। स्थिति इतनी खराब हुई कि उसमें कुछ बेकसूर छात्रों की जान भी जा सकती थी।


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