अमरोहा। असिस्टेंट कमिश्नर सत्य प्रकाश गौड़ तथा वाणिज्य कर अधिकारी प्रदीप कनौजिया ने आज शहर के प्रतिष्ठित व्यापारियों के साथ बाजार बटवाल में हिमालया टैक्सटाइल्स कीं फर्म पर जागरूकता अभियान के तहत एक संगोष्ठी आयोजित की । इस संगोष्ठी में सैकड़ों की संख्या में व्यापारी गण उपस्थित रहे। असिस्टेंट कमिश्नर सत्य प्रकाश गौड़ तथा वाणिज्य कर अधिकारी प्रदीप कनौजिया ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय के दिए गए दिशा निर्देशों के क्रम में इस संगोष्ठी को आयोजित किया गया है। जिसमें उनके द्वारा दिए गए निर्देश के उत्तर प्रदेश राज्य में जनसंख्या के सापेक्ष व्यापारिक संस्थान/ पंजीकृत व्यापारियों और डीलरों की संख्या काफी कम है। इसलिए प्रत्येक दिवस बाजारो, कस्बों में डोर टू डोर अभियान के तहत व्यापारियों को जागरूक करके उनके द्वारा पंजीयन के लाभों को बता कर जहाँ पंजीकृत व्यापारी को निर्बाध व्यापार के साथ-साथ राष्ट्र के विकास में उनकी महती भूमिका को उजागर करना है। तथा ईबिल आदि के द्वारा सुगम व्यापार करना तथा उन्हें किसी भी दुर्घटना आदि के समय बीमित राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दी गई है। तथा भविष्य में उन्हें पेंशन देने पर भी विचार चल रहा है। तथा सभी बातों के अलावा विकास में भागीदार बना कर भी उनको जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया अब तक उत्तर प्रदेश में मात्र 14 लाख 88 हजार व्यापारी पंजीकृत हैं। जिन्हें उनकी संख्या बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 तक 25 लाख किया जाना अपेक्षित है। इस संगोष्ठी में प्रमुख रूप से मोहम्मद असलम, मोहम्मद अकरम, मोहम्मद हनीफ, आशीष खण्डेलवाल, बलजीत सिंह ,दीपक, परविंदर, समीर खंडेलवाल, रवि, जागेश्वर प्रसाद गोयल, विजय चतुर्वेदी, अजय ढींगरा आदि व्यापारी उपस्थित रहे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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