मुम्बई, : जानीमानी अभिनेत्री गीता सिद्धार्थ का निधन हो गया है। गीता सिद्धार्थ ने 'गर्म हवा', 'परिचय', 'शोले' और 'त्रिशूल' जैसी फिल्मों में काम किया था।
अभिनेत्री गीता सिद्धार्थ के निधन की पुष्टि सिने ऐंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (सीआईएनटीएए) ने ट्विटर पर की। शनिवार सुबह उनका निधन हुआ।
सीआईएनटीएए द्वारा किये गए ट्वीट में लिखा है, ''#सीआईएनटीएए श्रीमती गीता सिद्धार्थ (मई 1970 से सदस्य) के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करता है।''
उनका निधन किस वजह से हुआ, उस बारे में फिलहाल जानकारी नहीं मिल पाई है।
गीता सिद्धार्थ ने 1973 में आयी एम एस सतायू की फिल्म 'गर्म हवा' में भी अभिनय किया था। इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। उन्होंने फिल्म में सलीम (बलराज साहनी) की पुत्री अमीना का किरदार निभाया था।
गीता सिद्धार्थ ने गुलजार की फिल्म 'परिचय' में भी अभिनय किया था जिसमें जितेंद्र, जया भादुरी, प्राण और संजीव कुमार भी थे।
उन्होंने 'शोले', 'त्रिशूल', 'नूरी', 'अर्थ' और 'मंडी' जैसी फिल्मों में भी काम किया।
गीता का विवाह वृत्तचित्र निर्माता, टेलीविजन कार्यक्रम निर्माता एवं प्रस्तोता सिद्धार्थ काक से हुआ था जिन्हें 1990 के दशक में आये उनके टेलीविजन कार्यक्रम 'सुरभि' के लिए जाना जाता है। उनकी एक पुत्री है जिसका नाम अंतरा है, जो फिल्म निर्देशक एवं निर्माता हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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