योगी सरकार के भव्य और दिव्य कुम्भ के कुशल प्रबंधन की नीति आयोग ने की सराहना
लखनऊ। प्रयागराज के भव्य और दिव्य कुम्भ पर नीति आयोग ने रिपोर्ट जारी करते हुए योगी सरकार की कुशल प्रबंधन की सराहना की है। नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर कुंभ मेला 15 जनवरी से 4 मार्च 2019 तक आयोजित किया गया। इसमें करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ को बेहतर तरीके से न केवल मैनेज किया गया, बल्कि स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा गया। यह पूरी दुनिया में भीड़ प्रबंधन और स्वच्छता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। योगी सरकार ने प्रयागराज में संस्थागत व्यवस्था, शहर में बुनियादी ढांचे का निर्माण, मेला क्षेत्र (अस्थायी शहर) का विकास, टेक्नोलाजी के माध्यम से कुशल यातायात प्रबंधन, आपदा प्रबंधन सहित हर पहलू पर ध्यान रखा। श्रद्धालुओं की सुविधाओं के साथ उनके प्रबंधन लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग किया गया।
• कुंभ 2019 की योजना 2017 की शुरुआत में शुरू हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंभ को "दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ" में बदलने की अवधारणा तैयार की।
• प्रयागराज में 3200 हेक्टेअर जमीन में अस्थायी शहर बसाया गया था। कुंभ के दौरान 5000 से अधिक धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने अपने शिविर लगाए।
• इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्थायी और अस्थायी दोनों तरह के बुनियादी ढाँचे के विकास का काम किया गया। इसके लिए उत्तर प्रदेश प्रयागराज मेला प्राधिकरण बनाया गया। प्रयागराज अधिनियम 2017 को 30 नवंबर, 2017 को लागू किया गया। कुंभ मेला में प्राधिकरण में केंद्र सरकार के पांच विभाग और राज्य सरकार के 28 विभागों का समन्वय रहा।
• 3200 हेक्टेयर में फैले अस्थायी शहर को 20 सेक्टर में विभाजित किया गया था। जहां सभी प्रमुख बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी और स्वच्छता की सुविधा, अखाड़ों के अस्थायी निवास, सार्वजनिक आवास, दुकानें, 70 फूट कोर्ट्स और वेडिंग जोन्स, बैंक की शाखाएं एवं एटीएम मशीन, पार्किंग स्थल, परिवहन की सुविधा, 40 पुलिस बूथ एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं आदि उपलब्ध थीं।
• भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने मेला क्षेत्र में 5 घाट बनाए गए थे, जो पहली बार प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में बड़ी यात्राओं और मोटर नौकाओं के संचालन की सुविधा प्रदान कर रहे थे।
• हर 200 मीटर पर 1.2 लाख से अधिक शौचालयों बनाए गए थे। इसके साथ ही योजनाबद्ध तरीके बिजली, पानी की आपूर्ति और अपशिष्ट प्रबंधन की स्थापित व्यवस्था की गई थी। जो कुंभ मेले के इतिहास में एक नया अध्याय है। 24 ×7 दिन पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मेला क्षेत्र में वाटर एटीएम, स्टैंड पोस्ट और हैंड पंप स्थापित किए गए थे।
• बड़ी संख्या में जर्मन हैंगर संरचनाओं को स्थापित करने के साथ ही पीवीसी तकनीक पर आधारित वाटर प्रूफ टेंट लगाए गए थे। कुंभ मेला 2019 में एक टेंट सिटी बसाई गई थी, जिसमें 4000 शानदार टेंट और सुइट्स थे।
• पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर टेंट सिटी के निर्माण का कार्य नवंबर 2018 के महीने में शुरू किया गया था, जो जनवरी 2019 तक सफलतापूर्वक पूरा हो गया था। जिसमें आगंतुकों को लग्जरी सुविधाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न आतिथ्य सहयोगियों का चयन किया गया था।
• मेला क्षेत्र में 488 किलोमीटर सड़कों के निर्माण के लिए 1.7 लाख चेकर प्लेटों का उपयोग किया गया था। नदी के पार 22 पीपे वाले पुलों के निर्माण के लिए 2000 से अधिक पीपों का उपयोग किया गया था।
• अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने मेला क्षेत्र में 5 घाट स्थापित किए थे। इन घाटों ने पहली बार प्रयागराज में बड़े क्रूज़ और मोटर बोट के संचालन की सुविधा प्रदान की।
• कुंभ 2019 को धार्मिक पहलू के अलावा एक प्रमुख सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम के रूप में मार्केटिंग की गई थी। 10,000 वर्ग फुट में 5 कन्वेंशन सेंटर बनाए गए थे। 32,000 वर्ग फुट गंगा पंडाल, एक 21000 वर्ग फुट के प्रवचन पंडाल और एक व्याख्या केंद्र में 200 से अधिक सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए योजना बनाई गई थी। आगंतुकों के लिए धार्मिक धरोहर और खान-पान की अच्छी व्यवस्था की गई थी, जो लंबे समय तक उनके लिए यादगार अनुभव रहा।
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