नयी दिल्ली, : दिल्ली के मुख्यंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान करने के लिए मिलकर काम करने की अपील की।
प्रकाश जावड़ेकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे ''चौकीदार चोर है'' का समर्थन करने पर माफी की मांग करते हुए ट्वीट किया था जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि यह समय राजनीति में पड़ने का नहीं बल्कि प्रदूषण को दूर करने का है।
राफेल विमान सौदे में सरकार को मिले क्लीनचिट के खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिका को भी उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया जिसके बाद जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ''अरविंद केजरीवाल को माफी मांगनी चाहिए जिन्होंने 'चौकीदार चोर है' नारे का समर्थन किया था।''
जावड़ेकर को जवाब देते हुए केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''सर, ये वक़्त राजनीति करने का नहीं बल्कि मिल कर प्रदूषण दूर करने का है। हम सब सरकारों को मिलकर लोगों को प्रदूषण से राहत दिलवाने पर काम करना चाहिए। दिल्ली सरकार और दिल्ली के लोग मिलकर वो सब कर रहे हैं जो हमारे हाथ में है। हमें आपका सहयोग चाहिए सर।''
उल्लेखनीय है कि शनिवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई लेकिन इसके बावजूद वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है।
प्रदूषण को काबू में करने के लिए दिल्ली सरकार ने चार से 15 नवंबर के बीच यातायात की सम विषम योजना लागू की और इसे बढ़ाने पर 18 नवंबर को फैसला लेगी।
वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा उच्चतम न्यायालय से राफेल सौदे में सरकार को क्लीनचिट मिलने के दो दिन बाद 'आप' की ओर से लगाए गए कथित निराधार आरोपों का विरोध कर रही थी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ