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विपक्ष ने की जलियांवाला बाग ट्रस्ट से कांग्रेस अध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव वापस लेने की मांग

नयी दिल्ली, :  कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने केन्द्र से जलियांवाला बाग ट्रस्ट के न्यासी मंडल में कांग्रेस अध्यक्ष को पदेन स्थायी सदस्य बनाने का प्रावधान खत्म करने के कानूनी प्रस्ताव को वापस लेने का अनुरोध किया और शहीदों के परिजनों को ट्रस्ट में शामिल करने का सुझाव दिया।

राज्यसभा में मंगलवार को जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक 2019 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने जलियांवाला बाग से कांग्रेस के भावनात्मक लगाव को इतिहास का सच बताते हुये कहा कि 13 अप्रैल 1919 को हुये इस जघन्य हत्याकांड के बाद कांग्रेस की पहल पर जलियांवाला बाग ट्रस्ट का गठन किया गया था।

उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड के खिलाफ देश भर में उपजे आक्रोश के कारण कांग्रेस की अगुवाई में आजादी का संग्राम शुरु हुआ और जलियांवाला बाग की कड़वी यादों को संजोने के लिये बने ट्रस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया।

बाजवा ने कहा, ''इस स्थल से हमारा भावनात्मक रिश्ता है, सरकार को बड़ा दिल दिखाते हुये इस ट्रस्ट से कांग्रेस अध्यक्ष को नहीं हटाना चाहिये। साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रस्ट से किसी न्यासी को हटाने का अधिकार सरकार को देने का प्रावधान भी उचित नहीं है।

उल्लेखनीय है कि एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरु होने पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक 2019 को चर्चा के लिये सदन के पटल पर प्रस्तुत किया।

उन्होंने लोकसभा द्वारा यह विधेयक पहले ही पारित किये जाने का हवाला देते हुये सदन से इसमें शामिल तीन मामूली संशोधन प्रस्तावों को मंजूरी देने की अपील की।

पटेल ने कहा कि ये संशोधन ट्रस्ट में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष या दूसरे सबसे बड़े दल के नेता को शामिल करने, कांग्रेस अध्यक्ष को स्थायी सदस्य के पद को ट्रस्ट से हटाने और पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले किसी भी न्यासी को निलंबित करने का सरकार को अधिकार देने से संबंधित हैं।

बीजद के प्रसन्न आचार्य और तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने सरकार से कांग्रेस अध्यक्ष को ट्रस्ट से हटाने का संशोधन प्रस्ताव वापस लेने का सुझाव दिया।

सपा के रामगोपाल यादव ने भी सरकार से जलियांवाला बाग ट्रस्ट से किसी को हटाने के बजाय इस ऐतिहासिक स्थल को यादगार बनाने, शहीदों के परिजनों को ट्रस्ट में शामिल करने और उन्हें उचित सुविधायें मुहैया कराने पर ध्यान देने का सुझाव दिया।

विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार से संसद भवन और जलियांवाला बाग में शहीद ऊधम सिंह की प्रतिमा लगाने तथा उन्हें भारत रत्न देने की मांग की।

भाजपा के श्वेत मलिक, जदयू के आरसीपी सिंह और अन्नाद्रमुक के एस मुत्थुकुमारुपन ने संशोधन प्रस्तावों का स्वागत करते हुये कहा कि इतिहास को बदलने की विपक्ष की चिंता व्यर्थ है।

मलिक ने कहा कि जलियांवाला बाग में 70 सालों से व्याप्त बदहाली बताती है कि कांग्रेस की चिंता सिर्फ ट्रस्ट में अपने लोगों को शामिल कराने तक सीमित रही। जारी भाषा निर्मल राजेश मनीषा


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