उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है हर सम्भव प्रयास : डा. सतीश चन्द्र द्विवेदी

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) डा0 सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था एवं संगठनात्मक शिक्षा व्यवस्था का इतिहास उठाकर देखेगें तो जैसा प्राचीन भारत में देखने को मिलता है नालन्दा और तक्षशिला जैसे उदाहरण दुनिया में उस समय और कहीं देखने को नही मिलते है। ये बात मै इस लिये कह रहा हॅू क्योकि कई बार लोग हीन भावना से ग्रसित हो जाते है। उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है। देश में उत्तर प्रदेश राज्य का सबसे बडा प्रदेश है।

     यह विचार डा0 द्विवेदी आज मुम्बई मे इलेक्टस् टेक्नोमेडिया लि0 द्वारा आयोजित 15वें वल्र्ड एजुकेशन समिट 2019 समारोह का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित करने के उपरान्त मुख्य अतिथि रूप में व्यक्त किये। उन्होने उदाहरण के रूप में कहा कि भारतीय पंचाग में सूर्य ग्रहण एवं चन्द्र ग्रहण की तिथि समय जो लिखा हो और वैज्ञानिक संस्थान जो भविष्यवाणी करते है वो मिसमैच कर जाये ऐसा कभी हुआ नही, आप कल्पना करिये कि हजारो वर्ष पहले का ज्योतिष के आधार पर हमारा कलेक्शन और आज जब उपग्रह हमारे बनाये हुए सेटेलाइट जो हमे डेटा दे रहे है उस आधार पर दोनेा में कभी मिसमैच नही होता हैै। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है और नई तकनीक के माध्यम से शिक्षा प्रदान किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। 

डा. द्विवेदी ने उ0प्र0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार द्वारा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में किये जा रहे क्रांतिकारी सुधारों की चर्चा करते हुए बेसिक शिक्षा की कायाकल्प योजना, प्रेरणा एप, मानव संपदा पोर्टल, योग और खेलकूद की अनिवार्यता, पी.टी.एम., वार्षिक उत्सव, माॅडल इंग्लिश माध्यम स्कूलों, स्मार्ट क्लासेज, नगल विहीन माध्यमिक शिक्षा, नये विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों की स्थापना आदि की जानकारी दी। 

 

डा0 द्विवेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में सरकार बनी है तब से शिक्षा में काफी सुधार आया है। आपरेशन कायाकल्प योजना के अन्तर्गत स्कूलों की व्यवस्था को सुदृढ़ कराते हुए ठीक कराया गया। सभी स्कूलो में विद्युत, पेयजल, मिड-डे-मील हेतु किचेन की व्यवस्था करायी गयी है। उन्होने कहा कि आने वाले समय में सभी स्कूलो में स्मार्ट क्लासेस चलाने की व्यवस्था की जायेगी। उत्तर प्रदेश में आगामी दिसम्बर या जनवरी माह में एक नेशनल सेमीनार के आयोजन की तैयारी की जा रही है, जिसमे देश भर के शिक्षक, विभागीय अधिकारी और विभिन्न शिक्षण संस्थानों को आमंत्रित किये जाने की तैयारी की जा रही है। स्कूल की क्लास शुरू होने से पहले 15 मिनट का योग कराये जाने तथा बच्चों को खेलने की व्यवस्था करायी गयी है और उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था के साथ-साथ बच्चों को निःशुल्क यूनीफार्म भी उपलब्ध कराया जा रहा है। समिट में दुनिया भर में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों, नये प्रयोगों और नई तकनीकों, स्मार्ट क्लास, वर्चुअल क्लास, ई-लाइब्रेरी, ई-कन्टेन्ट, एजुकेशन थ्रू गेमिंग एंड एजुकेशन थ्रू स्मार्ट फोन्स आदि पर चर्चा की गई।

इस अवसर पर फ्रांस दूतावास के फिलिप गलियन, राजस्थान की उच्च शिक्षा सचिव सुश्री सुचि शर्मा, मणिपुर की शिक्षा सचिव, तेलंगाना के एजुकेशन कमिश्नर श्री उमर जलील, उ0प्र0 उद्योग बन्धु के सचिव राकेश शर्मा, एलेक्टस टेक्नोमेडिया के संस्थापक और सीईओ डा. रवि गुप्ता, नेशन हेड श्री चन्दन और अर्पित गुप्ता सहित देश के प्रतिष्ठित स्कूलों के प्रबन्धक, प्रधानाचार्य तथा शिक्षा के क्षेत्र मंे काम करने वाली संस्थाएं, एनजीओ और शिक्षा अपना सीएसआर फण्ड खर्च करने वाली कम्पनियों के प्रतिनिधि शामिल थे।

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