लखनऊ : राजधानी से सटे उन्नाव जनपद में किसानों द्वारा अपनी जमीन का मुआवजा मांगने पर प्रशासन और पुलिस ने किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज और आंसू गैस छोड़कर किये गये अमानवीय अत्याचार के साथ ही कई किसान नेताओं को गिरफ्तार करके जेल भेज दिये जाने पर उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों पर किये गये बर्बरतापूर्ण कार्यवाही की कड़ी निन्दा की है।
उन्नाव के गंगा बैराज रोड में स्थित ट्रान्स गंगा सिटी के लिए अधिगृहीत जमीन का मुआवजा मांगने पर प्रशासन और पुलिस ने किसानों के साथ गाली-गलौच और मारपीट भी किया। इतना ही नहीं बुजुर्ग किसानों को भी पुलिस ने जमीन पर गिराकर लाठियां भांजी। दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है कि अभी तक सरकार ने किसानों को कोई भी आश्वासन नहीं दिया है जिसके चलते पूरे क्षेत्र में किसान आन्दोलनरत हैं और प्रशासन एवं पुलिस के भय से अपना घर-बार छोड़कर अन्यत्र पलायन कर रहे हैं।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव एवं पूर्व सांसद राकेश सचान, प्रदेश सचिव विवेकानन्द पाठक और जिलाध्यक्ष सुभाष सिंह ने पीड़ित किसानों से मुलाकात के बाद जिलाधिकारी से वार्ता की एवं अन्य किसानों से थाने में मिलकर प्रशासन द्वारा की गयी बर्बरतापूर्ण कार्यवाही की कड़ी निन्दा की और कहा कि जनपद उन्नाव में ट्रांस गंगा सिटी में उचित मुआवजे की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ पुलिस की बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जायेगी कांग्रेस पार्टी सदन से लेकर खेतों तक हर कदम पर किसानों के साथ है, किसानों की लड़ाई को कांग्रेस लड़ेगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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