लखनऊ : उ0प्र0 युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष अखिलेश वर्मा एवं किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेन्द्र चैधरी के नेतृत्व में युवा कांग्रेसियों एवं किसान कांग्रेस के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने उ0प्र0 सरकार की नौजवान, बेरोजगार एवं किसान विरोधी नीतियों के विरूद्ध संयुक्त रूप से 7 माल एवेन्यू कार्यालय से विधानसभा तक 'इन्कलाब मार्च' निकाला।
इन्कलाब मार्च केा सम्बोधित करते हुए युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अंकित परिहार ने कहा कि जिस तरह से उ0प्र0 सरकार की जनविरोधी नीतियां चल रही हैं उससे प्रदेश सरकार का अन्त जल्द ही निश्चित है।
भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रभारी उ0प्र0 मनीष चैधरी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कार्यक्रम का आगाज किया।
मार्च को विधानसभा तक पहुंचने से पहले ही भारी पुलिस बल द्वारा बीच रास्ते में ही रोका गया जिसमें कार्यकर्ताओं एवं पुलिसवालों के बीच काफी झड़प एवं धक्का-मुक्की भी हुई जिसमें कई कार्यकर्ताओं को चोटें भी आयीं काफी देर झड़प के बाद पुलिस ने विधानसभा पहुंचने से पहले ही भारी पुलिस बल लगाकर कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया जिन्हें देर शाम छोड़ा गया।
गिरफ्तार होने वालों में मुख्य रूप से अखिलेश वर्मा, धर्मेन्द्र चैधरी, शाहबाज खान, आस्था तिवारी, वन्दना सिंह, शरद शुक्ला, विशाल तिवारी, अजय अनुरागी, संदीप पाल, सोमेश सिंह चैहान, जियाउद्दीन वारसी, जमाल अनवर, गौरव द्विवेदी, रेहाना खातून, क्षितिज अवस्थी, रमेश सिंह लाल, अकील अंसारी, मो0 आसिफ समेत कई कार्यकर्ता शामिल रहे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ