जम्मू, : केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू कश्मीर और लद्दाख में सुशासन कार्यप्रणाली अपनाए जाने के विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के शनिवार को समापन होने के साथ दोनों क्षेत्रों को प्रशासनिक उत्कृष्टता के मॉडल के तौर पर विकसित करने का संकल्प लिया गया।
इस सम्मेलन में केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में पारदर्शी, जवाबदेह और जनोन्मुखी प्रशासन बनाने के लिए निरंतर प्रयासों का संकल्प लिया गया। इस दौरान 19 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
डिजिटल शासन और नागरिक केंद्रित शिकायत समाधान सहित सफल राष्ट्रीय शासन की बेहतर कवायदों को अपनाने के वास्ते सर्वसम्मति से सुशासन संकल्प लिया गया।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल जी सी मुर्मू, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के सचिव सी चंद्रमौली, जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में शुक्रवार को सम्मेलन का शुभारंभ किया ।
एक प्रवक्ता ने बताया कि दो दिनों तक चले प्रदर्शन में सघन विचार-विमर्श के बाद समापन सत्र के दौरान सम्मेलन में सर्वसम्मति से सुशासन संकल्प लिया गया ।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन में केंद्र और भागीदार राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख ने संकल्प लिया कि तालमेल बनाते हुए कल्याणकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में डिजीटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए नए केंद्रशासित प्रदेश को प्रशासनिक उत्कृष्टता के मॉडल के तौर पर विकसित करेंगे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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