नयी दिल्ली, : केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को यहां बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह अध्यक्ष बिल गेट्स के साथ भारतीय पोषण कृषि कोष (बीपीकेके) का शुभारंभ किया।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने एक बयान में कहा कि बीपीकेके बेहतर पोषण परिणामों के लिए देश में 128 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विविध प्रकार की फसलों का भंडार होगा।
इस कोष के शुभारंभ के मौके पर डब्ल्यूसीडी के सचिव रवीन्द्र पंवार ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के भारत में स्थित कार्यालय के निदेशक हरि मेनन को इस आशय संबंधी एक पत्र सौंपा।
ईरानी ने कहा कि भारत को सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) हासिल करने के लिए स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल के साथ ही पोषण भी राजनीतिक और प्रशासनिक एजेंडे में शामिल करना होगा।
इस मौके पर गेट्स ने कहा कि अगर कोई समस्या है जिसे बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन भारत में हल करना चाहेगी तो वह महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या है।
उन्होंने कहा, ''इस समस्या का समाधान करने से भारत के विकास में एक नाटकीय बदलाव आएगा और देश को एसडीजी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।''
प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक, एम एस स्वामीनाथन ने कहा कि भारत में पोषण हासिल करने के लिए, पांच सूत्रीय कार्रवाई कार्यक्रम लागू करना होगा।
स्वामीनाथन ने कहा कि बच्चों में उचित पोषण की कमी न केवल वयस्कता की ओर बढ़ रहे बच्चे के शारीरिक विकास बल्कि मस्तिष्क के विकास को भी प्रभावित करती है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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