अमरोहा। किसी भी देश व समाज और क्षेत्र की प्रगति केवल शिक्षा से ही सम्भव है। इसलिए आज के प्रतियोगी वातावरण में अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त करने की आवश्यकता है। यह विचार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव एवं प्रसिद्ध अर्थशास्त्र प्रो. नाजिम अली ने नायाब अब्बासी डिग्री कॉलिज के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि किसी भी देश को बनाने में एक अध्यापक की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। क्योंकि विश्व में शिक्षा से बड़ी कोई भी मजबूत शक्ति नहीं है। शिक्षा ही देश और समाज की बुनियादों को मजबूती देती है। उन्होंने आह्वान किया कि प्रत्येक दशा में हम अपने परिवार के सदस्यों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलायें और लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करें। शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे विभिन्न तकनीकों के शोध कार्यों से अध्यापकों एवं छात्र छात्राओं को अवगत कराया। प्रबन्ध समिति के सचिव एम. असलम फारूकी ने अपने शैक्षिक अनुभव साझा करते हुए महाविद्यालय के संस्थापक स्व. नफीस अब्बासी को श्रृद्धांजलि दी। कहा कि यह शिक्षण संस्था उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को हर सम्भव सहायता पहुँचाने के लिए तत्पर है। उन्होंने वर्तमान अध्यक्ष फिरोज कमाल अब्बासी आश्वस्त किया कि उनका सहयोग महाविद्यालय में खुलने वाले नये संकायों में पूर्ण रूप से रहेगा। अध्यक्ष प्रबन्ध समिति फिरोज कमाल अब्बासी ने कहा कि छात्र जीवन सबसे अनमोल अवस्था है, जिस की यादें हमेशा जीवन का अंग बनी रहती है। अतः हमें छात्र जीवन को उपयोगी बनाने की आवश्यकता है ताकि हम समाज और देश की तरक्की में योगदान दे सकें। जनपद के विभिन्न इण्टर कॉलिजों में विशेष योग्यता प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को सम्मानित किया गया। राजकीय इण्टर कॉलिज के राकेश कुमार, एमक्यूएम गर्ल्स इण्टर कॉलिज के असमा रानी और इरम, आईएम इण्टर कॉलिज के अरशद अली, अली रहमान व फुजैल जमाल, घनश्याम दास एकेडमी के छाया व प्राची, शर्मा देवी गर्ल्स इण्टर कॉलिज की पूजा रानी, कुन्दन मॉडल इण्टर कॉलिज के नरेन्द्र सिंह व राहुल सागर, एडब्ल्यू फैज-ए-आम के काजल व मेहरीन, आले अहमद गर्ल्स इण्टर कॉलिज की जैनब, स्टार वर्ल्ड पब्लिक इण्टर कॉलिज, अमरोहा के सुमित कुमार व शिवानी को विशेष योग्यता प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया। इसी के साथ नायाब अब्बासी डिग्री बीएड की छात्रा सारिका सिंह व निदा खान, एमए गृह विज्ञान की आमिना हबीब व नीलम शर्मा, एमए अंग्रेजी की नीलम शर्मा, बीए प्रथम वर्ष की इलमा, बीए तृतीय वर्ष की फरहा जबी, बीकॉम द्वितीय वर्ष के अजय कुमार, बीकॉम तृतीय वर्ष की सुमय्या असलम फिरोज को भी विशेष योग्यता प्राप्त करने पर प्रतीक चिन्ह व प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्राफेसर नाजिम अली, महाविद्यालय के अध्यक्ष फिरोज कमाल अब्बासी सचिव एम. असलम फारूकी को प्राचार्या डॉ. लुबना हामिद व उपप्राचार्य अलीम अख्तर द्वारा शॉल तथा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। जबकि अध्यक्ष ने प्राचार्या डॉ.लुबना हामिद को भी शॉल व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। प्राचार्या डॉ. लुबना हामिद तथा चीफ प्रॉक्टर डॉ. महताब अमरोहवी ने महाविद्यालय के स्थापना दिवस पर विचार रखते हुए कहा कि हमें इस महाविद्यालय को और अधिक विकसित व विश्वश्नीय बनाना है। कार्यक्रम में महाविद्यालय की पत्रिका का विमोचन भी किया गया। प्रबन्ध समिति द्वारा समस्त स्टाफ को शॉल उढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ. नसीम अहमद, डॉ. सरिता रानी, अतुल कुमार सोनी, डॉ. महताब आलम, डॉ. मुबारक अली, डॉ0 तशकील हैदर, रेशमा जैदी, डॉ. अंजलि पाठक, कसीम अशरफ, डॉ. निकहत नकवी, डॉ. तारिक अजीम, डॉ. अथर कमाल, डॉ. खिजर हयात, अरमान सिद्दीकी, जुनैद आलम, डॉ. फरहा सिद्दीकी, जमशेद अख्तर, डॉ. रूचि अग्रवाल, इज्जत अली, डॉ. समीना परवीन, उजमा सैफी, डॉ. फरहा सिद्दीकी, रूमाना आबिदी, जमशेद अख्तर, दुर्दाना फारूकी, अर्चना शर्मा, नदीम खान अमन सागर समेत अन्य स्टाफ उपस्थित रहा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ