मुंबई, : राकांपा प्रमुख शरद पवार और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को उपनगर के उस रिजॉर्ट में मुलाकात की जहां राकांपा विधायक ठहरे हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि पवार से मुलाकात के दौरान शिवसेना अध्यक्ष के साथ वरिष्ठ पार्टी नेता और पुत्र आदित्य ठाकरे भी थे। आदित्य ठाकरे ने पिछले महीने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुंबई की वरली सीट से जीत हासिल की।
उन्होंने बताया कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की उनके विधायकों को एकजुट रखने में मदद कर रही है।
शिवसेना के मजदूर संघों की शहर के कई शीर्ष होटलों में मजबूत मौजूदगी है।
राकांपा विधायकों को दक्षिण मुंबई में वाई बी चव्हाण केंद्र में पार्टी की बैठक में शामिल होने के बाद शनिवार देर रात पवई इलाके के 'द रिनेसा' होटल में ले जाया गया।
गौरतलब है कि तीनों पार्टियां सरकार बनाने के लिए बातचीत के अंतिम दौर में ही थी कि तभी नाटकीय घटनाक्रम के तहत शनिवार तड़के राकांपा नेता अजित पवार ने अपनी पार्टी से अलग जाकर भाजपा से हाथ मिला लिए।
इसके बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार तड़के भाजपा के देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।
इस बीच, राज भवन में फडणवीस और पवार के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे राकांपा विधायक माणिकराव कोकाटे उसी समय उपनगर के होटल में लौट आए जब शरद पवार रविवार को वहां पहुंचे थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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