लखनऊ : एएफटी बार एसोसिएशन के महामंत्री पीके शुक्ला ने सेना कोर्ट के रजिस्ट्रार केके श्रीवास्तव के सामने दो प्रकार के जारी किए जा रहे आदेश का मामला उठाया।
मामला यह था कि 17 अक्टूबर को कुछ केस रजिस्ट्रार कोर्ट में सुनवाई के लिए नियत था जिसमें सरकारी अधिवक्ता अनुपस्थित थे, रिकार्ड में आदेश अधिवक्ता के अनुपस्थित होने का था लेकिन कोर्ट की ऑफिशियल साईट पर सरकारी अधिवक्ता को आदेश में उपस्थित दिखाया गया था जिससे बिल बनाकर भेजा जाता था। पंकज शुक्ला ने इसे गंभीरता से लिया और उठाया और रजिस्ट्रार ने इस गलती को सुधारने का आश्वासन दिया।
बार के प्रवक्ता विजय पाण्डेय ने कहा कि प्रकरण गंभीर था लेकिन रजिस्ट्रार के आश्वासन के बाद सुधार की संभावना है, उनके द्वारा नोटिस जारी करने के बाद बिल भुगतान रोके जाने के लिए बार संबंधित मन्त्रालय को पत्र भेजेगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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