नयी दिल्ली, : सीबीआई ने रेलटेल के निदेशक आशुतोष वसंत और निजी कंपनी यूनाइटेड टेलीकॉम के साथ ही अमेरिकी कंपनी इनफिनेरा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एजेंसी ने बृहस्पतिवार को बताया कि 2012 में अधिकारियों की अमेरिका यात्रा के दौरान उनके कथित आपराधिक कदाचार के लिये यह मामला दर्ज किया गया है।
वसंत पर आरोप है कि उन्होंने 2012 में सैन फ्रांसिस्को होते हुए शिकागो की अपनी आधिकारिक यात्रा के लिए एअर इंडिया में बिजनेस श्रेणी की टिकट बुक की थी। अधिकारियों ने बताया कि सैन फ्रांसिस्को से शिकागो जाते हुए उन्होंने अमेरिका एअरवेज की इकोनॉमी श्रेणी की टिकट का इस्तेमाल किया।
उन्होंने बताया कि रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेज ने वसंत के अनुरोध और इनवॉयस एवं ई-टिकट दिखाने के बाद ट्रैवल एजेंसी को भुगतान किया था।
रेलटेल की स्थापना 2000 में एक मिनीरत्न कंपनी के तौर पर हुई थी जो ट्रेन नियंत्रण परिचालन और भारतीय रेलवे के सुरक्षा तंत्र को आधुनिक बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी ब्रॉडबैंड, टेलीकम्युनिकेश एवं मल्टीमीडिया नेटवर्क का संचालन करता है।
अधिकारियों ने बताया कि आरोप है कि वसंत ने इकोनॉमी क्लास मे सफर किया लेकिन बिल बिजनेस क्लास का दिया।
सीबीआई ने कहा कि उन्होंने टिकट खरीद में की गई धोखाधड़ी को छिपाने के लिए यात्रा संबंधी दस्तावेज नहीं पेश किया था।
एजेंसी ने कहा कि यूनाइटेड टेलीकॉम ने वसंत के होटल बिलों का भुगतान किया लेकिन उन्होंने एक हलफनामा कथित तौर पर बनवाया कि उन्होंने नकद में कंपनी को पैसा वापस चुकाया।
सीबीआई ने कहा कि वसंत और अन्य दो अधिकारियों की अनुशंसा पर, रेलटेल ने यूटीएल और इनफिनेरा कंपनी संघ को 'डेंस वेब डिविजन मल्टीप्लेक्सिंग टेक्नोलॉजी' का टेंडर के लिए चुना था।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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