नयी दिल्ली, सरकार ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) में उसकी स्वीकृत संख्या की तुलना में 1,000 से अधिक पद रिक्त हैं।
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 31 अक्टूबर 2019 की स्थिति के अनुसार, सीबीआई में विभिन्न रैंक में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 5,532 है जिनमें से 4,503 पद भरे हुए हैं तथा 1,029 पद रिक्त हैं।
सिंह ने बताया कि इन पदों को भरने के लिए सीबीआई कदम उठा रही है।
उन्होंने बताया कि एजेंसी में कार्यपालक रैंक के स्वीकृत पदों की संख्या 5000 है जिनमें से 860 पद रिक्त हैं। विधि अधिकारी के 370 स्वीकृत पदों में से 74 पद रिक्त हैं तथा तकनीकी अधिकारी के स्वीकृत 162 पदों में से 95 पद रिक्त हैं।
सिंह ने बताया कि सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन अधिनियम, 1946 के तहत अपराधों की जांच करने के लिए दिल्ली विशेष पुलिस के रूप में अपने अधिकार प्राप्त करती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सीबीआई मामलों की जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं करती। उन्होंने बताया कि सीबीआई के निदेशक को व्यापक वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सौंपे गए हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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