संयुक्त फिल्म निर्माण से भारत और रूस की भावना समान रूप से व्यक्त होगी : रूसी राजदूत

भारत में रूस के राजदूत  निकोले कुदाशेव ने कहा है कि संयुक्त फिल्म निर्माण से भारत और रूस की भावना समान रूप से व्यक्त होगी। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए सितम्बर, 2019 में रूस के व्लादीवोस्तोक में एक संयुक्त समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।  कुदाशेव ने कहा कि समय आ गया है कि इस समझौते से लाभ उठाया जाए और दोनों देश समान उद्देश्य के तहत एक साथ काम करें। वे आज गोवा के पणजी में 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के अवसर पर एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।


एक सवाल के जवाब में  कुदाशेव ने कहा है कि यह सच है कि भारत में समकालीन रूसी साहित्य का उचित प्रतिनिधित्व नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि इस अंतराल को कम करने के लिए रूस की 10 बेहतरीन पुस्तकों को हिन्दी में और भारत की 10 बेहतरीन पुस्तकों को रूसी भाषा में प्रकाशित किया जाए। शिक्षा के क्षेत्र में भी अधिक आदान-प्रदान और सहयोग के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। श्री कुदाशेव ने कहा है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रोत्साहन देने के लिए रूस प्रतिबद्ध है।


रूस के राजदूत ने 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में रूस को साझीदार देश बनाने के लिए भारत सरकार और गोवा सरकार को धन्यवाद दिया।


रूस में भारतीय फिल्मों की लोकप्रियता और उपलब्धता के बारे में श्री कुदाशेव ने कहा है कि रूस में एक भारतीय चैनल दिखाया जाता है, जिसमें रोजाना बॉलीवुड की फिल्में दिखाई जाती हैं।


भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में रूसी प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख और 'कीनोरिपोर्टर' की मुख्य संपादक सुश्री मारिया लामेशेवा ने कहा कि रूसी फिल्मों के प्रति भारतीयों में गहरी दिलचस्पी है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध रूसी फिल्मों को महोत्सव में पेश करने के लिए भारत लाया गया है, जिनमें युवाओं की फंतासी को पेश करने वाली 'अबिगेल' जैसी फिल्में शामिल हैं।


  सुश्री मारिया लामेशेवा ने कहा कि संयुक्त निर्माण समझौते के तहत निर्माण की जाने वाली फिल्मों के बजट का 40 प्रतिशत का भुगतान संस्कृति मंत्रालय करेगा। उन्होंने भविष्य में फिल्मों के संभावित संयुक्त निर्माण के लिए बैठकों के आयोजन को हर संभव समर्थन देने का आश्वासन दिया।


कंट्री फोकस सेक्शन में दिखाई जाने वाली 'बीनपोल' फिल्म की अभिनेत्री और कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित सुश्री विक्टोरिया मिरोशीनेचेनको ने कहा कि 'बीनपोल' फिल्म में रूसी इतिहास के कठिन दौर को दिखाया गया है। रूसी फिल्म 'अबिगेल' के अभिनेता पीटर जेकाविचा ने कहा कि वे टेलीविजन पर 'रामायण' देखते हुए बड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि भारत के आध्यात्मिक पक्ष से परिचित होने में इस धारावाहिक ने उनकी बहुत मदद की है। उन्होंने उद्घाटन समारोह में अपने भारतीय नायकों को नजदीक से देखने और जानने का अवसर प्रदान करने के लिए महोत्सव को धन्यवाद दिया।


 अपने तीसरे भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में शामिल होने वाली अभिनेत्री अनफिसा चरनिख ने कहा कि वे भारतीय सिनेमा बहुत पसंद करती हैं। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में उनकी कोई फिल्म नहीं दिखाई जा रही है, इसके बावजूद वे अपने प्रतिनिधिमंडल को समर्थन देने के लिए यहां आई हैं।


रूसी फिल्म 'अबिगेल' के अभिनेता गिलबे बोखकोव ने भी प्रेसवार्ता में शिरकत की। सभी कलाकारों ने भविष्य में भारतीय फिल्मों में काम करने के प्रति दिलचस्पी दिखाई।


उल्लेखनीय है कि इस वर्ष महोत्सव के कंट्री फोकस सेक्शन में रूस की 8 फिल्में – अबिगेल, एसिड, आन्द्रेई तारकोव्सकी : ए सिनेमा प्रेयर, बीनपोल, ग्रेट पोयट्री, वन्स इन त्रूबचेवस्की, वॉय डोंट यू जस्ट डाई!, द हीरो दिखाई जायेंगी।  


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