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संविधान को वकीलों का स्वर्ग कहा गया है : डा. ताडा


अमरोहा। कलेक्ट्रेट सभागार में पुलिस अधीक्षक विपिन टाडा की अध्यक्षता में 70 वें संविधान दिवस का का आयोजन किया गया। पुलिस अधीक्षक विपिन टाडा, सीडीओ प्रहलाद सिंह, एडीएम गुलाबचंद ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर दीप प्रज्जवलन कर विधि विधान के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

 पुलिस अधीक्षक विपिन टाडा ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के कृतित्व पर विचार व्यक्त करते हुए  आह्वान किया कि  कानून सबके लिए समान होता है। यह हमें संविधान से ही ज्ञात होता है हमें निरंतर प्रयास करना चाहिए  कि सभी को  साथ न्याय मिले समाज के लोगों को यही उम्मीद रहती है कि किसी भी प्रकार का उनके साथ दुर्व्यवहार व अन्याय न हो सके। संविधान दिवस यही याद दिलाता है कि जब तक संभव हो सके न्याय हमें मिलना चाहिए। संविधान में वकीलों का बहुत बड़ा महत्व है। संविधान को वकीलों का स्वर्ग कहा गया है। न्याय दिलाने में अपना योगदान  निष्पक्षता के साथ सभी अधिवक्ताओंं को करना चाहिए। लोगों में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाना चाहिए। हमें भारत के संविधान में दिए गए मूल कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। संवैधानिक आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज व राष्ट्रीय प्रतीकों का आदर करना चाहिए। देश में संप्रभुता, अखण्डता की रक्षा करनी चाहिए। इसके साथ ही महिलाओं को सम्मान देने, हिंसा से दूर रहते हुए बंधुता को बढ़ावा देने, सामाजिक संस्कृति का संवर्धन व पर्यावरण का संरक्षण करने तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास, सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करने, व्यक्तिगत व सामूहिक गतिविधि में उत्कृष्टता बढ़ाने, सबको शिक्षा के अवसर प्रदान करने एवं स्वतत्रंता आन्दोलन के आदर्शों को बढ़ावा देना चाहिय।

 सीडीओ प्रह्लाद सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी मिलते ही देश को चलाने के लिए संविधान बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया। इसी कड़ी में 29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान के निर्माण के लिए प्रारूप समिति की स्थापना की गई और इसके अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर को जिम्मेदारी सौंपी गई। दुनिया भर के तमाम संविधानों को बारीकी से देखने-परखने के बाद डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार कर लिया। 26 नवंबर 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के समक्ष लाया गया। इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपना लिया। यही वजह है कि देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। अपर जिलाधिकारी गुलाब चंद्र ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इसे मनाने की मनसा पिछले इतिहास से सीखे कि संविधान का निर्माण में कितनी मेहनत लगी है। संविधान के हर पहलू का महत्व रखते हुए बनाया गया है संविधान के मौलिक अधिकारों कर्तव्यों आदि के बारे में विस्तार से चर्चा किया कि हमें संविधान में जो भी मौलिक अधिकार दिए गए हैं उनके अपने जीवन में पालन करना चाहिए

   इस अवसर पर एडीजीसी बसंत सिंह सैनी, राजेश राजा, दिनेश चौहान, हरपाल सिंह, नमन कुमार,  डीजीसी मध्य वीर सिंह, सर्वेश कुमार शर्मा सहित अन्य अधिकारी व  अधिवक्ता परिषद जनपद अमरोहा के सदस्य उपस्थित रहे।

 

 

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