बीजापुर, : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सात इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
बीजापुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जिले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष सात माओवादियों रामजी उर्फ बिच्चेम कारम :24 :, लखमु मोडि़याम :32 :, लक्खू तेलाम :28:, संगीता मोडि़यामी :25:, रंजीता ओयाम :23:, राजकुमारी यादव :26: और हुंगा पोडि़यामी :24: ने आत्समर्पण किया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि माओवादियों ने नक्सली जीवन शैली से त्रस्त होकर तथा नक्सलियों के खोखली विचारधारा से क्षुब्ध होकर नक्सलवाद छोडने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि नक्सली रामजी उर्फ बिच्चेम कारम उदन्ती एलओएस का डिप्टी कमांडर है। उस पर तीन लाख रूपए का इनाम है। वह पुलिस दल पर हमले की घटना में शामिल रहा है।
पुलिस अधिकरियों ने बताया कि लखमु मोडि़याम प्लाटून नंबर दो का डिप्टी कमांडर है। उस पर तीन लाख रूपए का इनाम है। वह वर्ष 2006 में मुरकीनार की घटना में, सागमेटा फायरिंग की घटना में, 2007 में रानीबोदली की घटना में तथा मोदकपाल पुलिस दल पर गोलीबारी की घटना में शामिल रहा है।
उन्होंने बताया कि लक्खू तेलाम नेशनल पार्क एरिया प्लाटून नंबर दो का सदस्य है। उस पर दो लाख रूपए का इनाम है। वह एक ग्रामीण की हत्या में तथा 2007 में रानीबोदली घटना में शामिल रहा है। वहीं संगीता मोडि़यामी प्लाटून नंबर दो की सदस्य है तथा उस पर दो लाख रूपए का इनाम है।
पुलिस अधिकारयों ने बताया कि नक्सली रंजीता ओयाम उदन्ती एलओएस की सदस्य है। उस पर एक लाख रूपए का इनाम है। रंजीता पुलिस दल पर गोलीबारी की घटना में शामिल रही है। वहीं राजकुमारी यादव गंगालूर एरिया कमेटी में चेतना नाट्य मंच की अध्यक्ष है। वह पुलिस दल पर हमले की घटना में शामिल रही है।
उन्होंने बताया कि हुंगा पोडि़यामी जनमिलिशिया डिप्टी कमांडर है। उस पर एक लाख रूपए का इनाम घोषित है। वह सरपंच की हत्या और पुलिस दल पर हमले की घटना में शामिल रहा है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण करने पर उन्हें उत्साहवर्धन के लिए राज्य शासन द्वारा दस- दस हजार रूपये प्रोत्साहन राशि दी गई है। वहीं उन्हें राज्य शासन के पुनर्वास नीति के तहत और अन्य सुविधा और लाभ दिया जाएगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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