लखनऊ, : रक्तदान को महादान कहा जाता है। आज मनुष्य ने बहुत प्रगति की है लेकिन रक्त का विकल्प नहीं बना पाया है। जब व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता होती है तो उसके पास कोई विकल्प नहीं रहता। रक्तदान से बड़ा पुण्य कार्य इस धरती पर नहीं है। ये विचार प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने आज मयूर उद्यान कल्याण समिति द्वारा केजीएमयू के सहयोग से मयूर उद्यान काॅलोनी पार्क फरीदीनगर रोड इन्दिरा नगर, लखनऊ में 'पंचम स्वैच्छिक रक्तदान शिविर' तथा 'तृतीय निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर' के आयोजन पर व्यक्त किये।
टंडन ने कहा कि मानव कल्याण के इस पुनीत सामाजिक कार्य में सभी नागरिक स्वेच्छा से प्रतिभाग करें तथा अन्य लोगों को भी इस पुनीत कार्य में सहभागिता हेतु प्रोत्साहित करें। आपके रक्तदान से निश्चित रूप से किसी संकटग्रस्त व्यक्ति को नवजीवन प्राप्त होगा। उन्होंने मयूर कल्याण समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को इस आयोजन के लिए बधाई दी और आभार प्रकट करते हुए रक्तदाताओं की प्रशंसा की। उन्होंने भविष्य में भी ऐसे आयोजन किये जाने की अपेक्षा की।
इस अवसर पर निदेशक सीमैप डाॅ0 अब्दुल समद, केजीएमयू की डाॅ0 तूलिका चन्द्रा, मयूर उद्यान कल्याण समिति के संरक्षक अजय द्विवेदी, अध्यक्ष जमील अहमद, उपाध्यक्ष अनुराग श्रीवास्तव, सचिव, किशोर कुमार पंत, कोषाध्यक्ष संदीप कुमार, संयुक्त सचिव शील गुप्ता, पार्षद राम कुमार समेत अन्य क्षेत्रवासी उपस्थित थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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