नयी दिल्ली, : केंद्र सरकार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पथकर संग्रह योजना के क्रियान्वयन को आगे बढ़ाते हुये सभी राज्यों में एक दिसंबर से अधिकारियों की तैनाती कर रहा है। एक बयान में यह जानकारी दी गयी है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की पहल नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (एनईटीसी) के तहत एक दिसंबर के बाद पथ कर (टोल) भुगतान केवल फासटैग के जरिये इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होगा।
कार्यक्रम को पूरे देश में क्रियान्वित किया जा रहा है। इसका मकसद यातायात सुचारू करना और बाधाओं को दूर करना है।
हालांकि, केंद्र ने एक लेन को हाइब्रिड लेन रखने का निर्णय किया है। यानी उस लेन में फासटैग के तहत अन्य तरीके से पथकर का भुगतान किया जा सकेगा।
अधिकारियों को कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिये राज्यों में बतौर केंद्रीय प्रभारी अधिकारी के रूप में तैनात किया जाएगा।
एनईटीसी के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा पर पथ कर संग्रह आरएफआईडी आधारित फासटैग के जरिये किया जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार, ''शत प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह एक दिसंबर 2019 से लागू होगा।''
योजना के क्रियान्वयन पर नजर रखने के साथ अधिकारी इस संदर्भ में एनएचएआई के साथ समन्वय करेंगे।
पिछले महीने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि एनईटीसी जैसे कदमों से देश में पथकर राजस्व अगले पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये सालाना हो जाएगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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