अप्रवासी दिवस की 185वीं वर्षगांठ समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहीं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने अपने माॅरीशस भ्रमण के दौरान कार्यवाहक राष्ट्रपति श्री वायपोरी पिल्ले से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति से भारत माॅरीशस संबंधों को और प्रगाढ़ एवं मजबूत बनाने, मेट्रो एक्सप्रेस, सुप्रीम कोर्ट भवन के निर्माण कार्यों के अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, समुद्री यातायात, तथा गांधी जी के 150वीं जयन्ती समारोह के संबंध में गांधी जी के सन्देशों के प्रचार एवं प्रसार किए जाने के संबंध में भी चर्चा हुई।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री प्रवीण कुमार जुगन्नाथ से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने भारत से संबंधों को अभूतपूर्व कहा तथा माॅरीशस में भारतीयों द्वारा किए जा रहे निवेश के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने जनवरी 2019 में वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस में मुख्य अतिथि तथा प्रयागराज कुम्भ मेला के अपने अनुभव को अनुपम बताया। उन्होंने माॅरीशस में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मेट्रो एक्सप्रेस के उद्घाटन के लिए आभार भी व्यक्त किया।
राज्यपाल ने राष्ट्रीय असेम्बली के स्पीकर सुश्री माया हनुमानजी से भी शिष्टाचार भेंट की। इसके अलावा स्पीकर से जेन्डर बजट, युवा स्वावलम्बन योजना आदि के संबंध में विचार-विमर्श हुआ। स्पीकर ने माॅरीशस में भारत सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर शुरू किये गये विभिन्न प्रोजेक्टों के लिए धन्यवाद भी दिया।
राज्यपाल के सम्मान में कार्यवाहक राष्ट्रपति एवं अध्यक्ष ने दोपहर का भोज और कला एवं संस्कृति मंत्री माॅरीशस द्वारा रात्रिभोज का आयोजन किया गया। राज्यपाल ने माॅरीशस में रह रहे भारतीयों से भी मुलाकात की।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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