जयपुर, राजस्थान में 49 नगर निकायों में 2,100 से अधिक पार्षदों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस का दबदबा रहा। पार्टी कुल मिलाकर 900 से अधिक वार्डो में जीती और कई प्रमुख जगहों पर उसका बोर्ड बनना तय है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे उनकी सरकार के काम पर जनादेश बताया है।
राज्य निर्वाचन विभाग की वेबसाइट के अनुसार परिणाम आने के बाद सभी 2,105 वार्डों में स्थिति साफ हो गयी है। इन परिणाम के अनुसार कुल मिलाकर बात की जाए तो कांग्रेस के 961, भाजपा के 737, बसपा के 16, माकपा के तीन, एनसीपी के दो प्रत्याशी जीते हैं। परिणामों में रोचक बात यह है कि 386 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है जो कई जगह बोर्ड बनाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने निकाय चुनाव में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन को सरकार के काम पर जनादेश बताया है। उन्होंने कहा, ''जनता ने मैंडेट दिया है यह सोच कर की सरकार जिस रूप में परफॉर्म कर रही है उस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।'' गहलोत ने कहा, ''हम चाहेंगे कि जो समस्याएं शहर की हैं उनको प्राथमिकता के आधार पर हल करें और जनता ने विश्वास प्रकट किया है उनकी अपेक्षा और आशाओं के अनुरूप सरकार काम करे।''
गहलोत ने कहा, ''मैं जनता को कहना चाहूंगा कि आप निश्चिन्त रहें, हम लोग काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।''
उल्लेखनीय है कि राज्य में तीन नगर निगमों, 18 नगर परिषद और 28 नगरपालिकाओं यानी कुल 49 निकायों में सदस्य पार्षद पद के लिए शनिवार को मतदान हुआ था। चुनाव में कुल 71.53 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इन 49 निकायों में कुल 2,105 वार्डों में चुनाव होना था जिनमें से 14 वार्डों में पार्षद निर्विरोध चुने जा चुके हैं। बाकी 2,081 वार्ड में 7,942 उम्मीदवारों ने अपना चुनावी भाग्य आजमाया जिनमें 2,832 महिलाएं व 5,109 पुरुष प्रत्याशी शामिल हैं।
पार्षद चुने जाने के बाद तय कार्यक्रम के अनुसार अब नगर निकायों में अध्यक्ष का चुनाव 26 नवंबर व उपाध्यक्ष का 27 नवंबर को होना है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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