नयी दिल्ली, : दिल्ली उच्च न्यायालय ने तीस हजारी अदालत में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के मामले में दो पुलिस अधिकारियों को शुक्रवार को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी।
झड़प के मामले में इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
दो सहायक पुलिस उप निरीक्षकों की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने केंद्र, दिल्ली पुलिस, बार काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य बार संगठनों से जवाब मांगा है।
पुलिसकर्मियों ने अपनी याचिका में घटना की न्यायिक जांच जारी रहने तक गिरफ्तारी से छूट की मांग की थी।
पुलिसकर्मी कांता प्रसाद और पवन कुमार को घटना के बाद निलंबित कर दिया गया था।
अदालत ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख 23 दिसंबर तक दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए।
बीते दो नवंबर को तीस हजारी अदालत परिसर में पार्किंग को लेकर हुए विवाद में ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी और एक वकील के बीच झड़प हो गई थी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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