नयी दिल्ली/लखनऊ, : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय में एक छात्रा की कथित खुदकुशी मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर तत्काल निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।
प्रियंका ने पत्र में कहा कि लड़की के परिजनों का आरोप है कि उसकी हत्या हुई है लेकिन दो महीने से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी ना तो इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है और ना ही कोई जांच कर कार्यवाही की गई।
उन्होंने कुछ बिंदुओं पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि पंचनामे में शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी भी तरह की चोट की आशंका नहीं जताई गयी थी।
प्रियंका ने कहा कि लड़की के माता-पिता की गैरमौजूदगी में पुलिस ने लड़की के शव को गैरकानूनी तरीके से जल में प्रवाहित कर दिया। छात्रा के परिवार ने इस घटना को लेकर सवाल उठाए हैं और कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की अपील की है। सवाल यह है कि क्या प्रशासन किसी को बचाने की कोशिश कर रहा है?
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह इस मामले में तत्काल कार्रवाई का आदेश दें।
लगभग दो माह पहले मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में एक 17 वर्षीय छात्रा ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। परिजनों ने हालांकि उसकी हत्या का आरोप लगाया था।
कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने भी पिछले दिनों इस लड़की के परिजनों से मुलाकात की थी।
जिला प्रशासन ने घटना सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार को खत लिखा था। उसके बाद सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश केन्द्र को भेज दी थी। फिलहाल राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स इस घटना की तफ्तीश कर रही है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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