कोरबा, : छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद बंशीलाल महतो का निधन हो गया है। वह 79 वर्ष के थे। वह अपने पीछे पत्नी, दो पुत्र व चार पुत्रियों का भरापूरा परिवार छोड़ गए है।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को यहां बताया कि महतो को लिवर से संबंधित शिकायत के कारण पिछले दिनों हैदराबाद ले जाया गया था। आज महतो को हैदराबाद से एयर ऐंबुलेंस से बिलासपुर के एयरस्ट्रिप पर लाया गया था। जहां से उन्हें कोरबा ले जाने तैयारी की गई थी। एयरस्ट्रिप में पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका अंतिम संस्कार रविवार को किया जाएगा।
आयुर्वेदिक डाक्टर रहे बंशीलाल महतो वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट पर कोरबा लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे।
महतो के निधन पर राज्यपाल अनुसुईया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने दुख जताया है।
राज्यपाल उइके ने अपने शोक संदेश में कहा है कि महतो लोकप्रिय राजनेता के साथ-साथ समाजसेवी भी थे। वे एक चिकित्सक के रूप में बीमार लोगों का इलाज करने के लिए सदैव तत्पर रहते थे। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके निधन से हमने एक लोकप्रिय जनसेवक खो दिया है।
वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कोरबा के पूर्व सांसद बंशीलाल महतो के निधन पर गहरा दुःख प्रकट किया है। उन्होंने महतो के परिवारजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने महतो के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि महतो ने अपना पूरा समय पार्टी को समर्पित किया और कोरबा जिले में भाजपा को स्थापित करने में अहम योगदान दिया है।
उसेंडी ने कहा है कि महतो ने आम चुनाव 2014 में भाजपा सांसद के रूप में कोरबा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता और उन्होंने कोयला व इस्पात संबंधी स्थायी समिति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के सदस्य के तौर पर कार्य किया। बंशीलाल महतो ने विद्या भारती से जुड़कर सामाजिक कार्यों में भी योगदान दिया है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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