एटा (उत्तरप्रदेश), : जलेसर कोतवाली क्षेत्र में एक पिता के अपनी नाबालिग बेटी के साथ कथित दुष्कर्म का मामला सामने आया है।
अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने शुक्रवार को बताया कि कोतवाली देहात क्षेत्र के एक गांव में अपनी ननिहाल में रह रही किशोरी का घर जलेसर कोतवाली क्षेत्र में है। किशोरी बीते 18 नवम्बर को वहां अपनी बीमार दादी को देखने गयी थी।
किशोरी के नाना द्वारा कोतवाली जलेसर में दर्ज शिकायत में बताया गया है कि उसका आरोपी दामाद शराबी व गलत प्रवृत्ति का है। इसी के चलते उसकी बेटी अपनी दो बेटियों के साथ बीते छह वर्ष से मायके में रह रही है, जबकि उसका बेटा पिता के साथ रहता है।
नाना का आरोप है कि काफी दिनों से बीमार दादी ने पौत्री को आखिरी बार देखने की इच्छा जताई, जिस पर बीते 18 नवम्बर को वह नाबालिग पिता के घर गयी थी। वहां जब वह रात में कमरे में सो रही थी तो पिता ने उसे धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
पिता के घर से ननिहाल लौटने पर जब किशोरी ने अपने मां व नाना को पूरी बात बतायी तो दोनों उसे लेकर जलेसर कोतवाली पहुंचे। मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है और पुलिस ने किशोरी का चिकित्सकीय परीक्षण कराने के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया है।
कुमार ने बताया कि पिता द्वारा अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म करने का मामला संज्ञान में मामले की प्रथमदृष्टया पुष्टि होने पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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