वाशिंगटन, : आव्रजन धोखाधड़ी की जांच के लिए अमेरिकी सरकार द्वारा स्थापित किए गए एक फर्जी विश्वविद्यालय से संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने 90 विदेशी छात्रों को पकड़ा है। पकड़े गए छात्रों में से अधिकांश भारतीय हैं।
अमेरिकी आव्रजन एवं सीमाशुल्क प्रवर्तन एजेंसी (आसीई) ने अब तक 250 से अधिक छात्रों को पकड़ा है। इन छात्रों को गृह मंत्रालय ने डेट्रॉइट मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में स्थित फार्मिंगटन विश्वविद्यालय में प्रवेश का लालच दिया गया था।
आईसीई द्वारा स्थापित यह विश्वविद्यालय अब बंद हो चुका है।
आईसीई ने मार्च में इस फर्जी विश्वविद्यालय से 161 छात्रों को पकड़ा था। मार्च में जब यह विश्वविद्यालय बंद हुआ तब इसमें 600 छात्र थे जिनमें से अधिकांश भारतीय थे।
आईसीई के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक गिरफ्तार किए गए 250 छात्रों में से लगभग 80 फीसदी छात्रों को अमेरिका से लौटने की अनुमति दे दी गई है।
बाकी के 20 फीसदी छात्रों में से लगभग आधे छात्रों को लौटने का अंतिम आदेश मिल चुका है।
संघीय अभियोजकों ने दावा किया कि छात्रों को यह पता था कि यह विश्वविद्यालय फर्जी है क्योंकि यहां कोई कक्षाएं ही नहीं होती थी।
डेमोक्रेटिक पार्टी की सीनेटर एलिजाबेथ वारेन ने इसे क्रूरता भरा कदम बताया है।
उन्होंने ट्वीट किया, ''यह बहुत ही क्रूरता भरा है। इन छात्रों ने अमेरिका में उच्च गुणवत्ता की उच्च शिक्षा पाने का सपना ही तो देखा था। आईसीई ने उन्हें झांसा दिया और जाल में फंसाया सिर्फ इसलिए कि उन्हें वापस भेजा जा सके।''
आईसीई ने भर्ती करवाने वाले आठ लोगों के खिलाफ आपराधिक आरोप पत्र दायर किया है। उनमें से सात ने दोष स्वीकार कर लिया है।
विश्वविद्यालय में पंजीयन करवाने वाले छात्र भारत स्थित अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी वैध वीजा पर कानूनी तरीके से अमेरिका आए थे। इनमें बड़ी संख्या में भारतीय हैं।
फर्जी विश्वविद्यालय ने छात्रों से स्नातक कार्यक्रम के लिए प्रत्येक तिमाही के लिए 2,500 डॉलर की फीस ली थी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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